देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज के सूचना तकनीकी के युग में किसानों के मोबाइल पर खेत और फसल से जुड़ी प्रत्येक जानकारी उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने पतंजलि योगपीठ द्वारा विकसित किए गए हरित क्रांति एप को महत्वपूर्ण बताते हुए राज्य में पायलट आधार पर इसका उपयोग करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। साथ ही कृषि समेत विभिन्न विभाग इस एप का किस तरह उपयोग कर सकते हैं, इसकी संभावना तलाशने के लिए सचिव कृषि की अध्यक्षता में समिति का गठन करने के निर्देश भी दिए।
डिजिटलीकरण के लिए उठाए गए कदमों का ब्योरा भी रखा
सचिवालय में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने पंतजलि के हरित क्रांति एप के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने पतंजलि द्वारा किए गए शोध कार्यों और खेती से संबंधित जानकारी के डिजिटलीकरण के लिए उठाए गए कदमों का ब्योरा भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जनता को सरकारी योजनाओं से तभी लाभ पहुंचाया जा सकता है, जब सभी आवश्यक प्रक्रिया सरल हों और गैर जरूरी औपचारिकताएं न हों। जनता की संतुष्टि आवश्यक है। इस दिशा में सरकार और संस्थानों के परस्पर सहयोग से राज्य को आगे बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पतंजलि के शोध कार्यों का राज्य को लाभ मिले, इसके सरकार व पतंजलि परस्पर सहयोग से काम करेंगे। हमें आंकड़ों के आदान-प्रदान की संभावना भी देखनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पतंजलि का हरित क्रांति एप किसानों के लिए फायदेमंद है और इसे बड़े स्तर पर उपयोग में लाया जा सकता है।उन्होंने कहा कि सचिव कृषि की अध्यक्षता वाली समिति यह संभावना देखेगी की भू-अभिलेखों व खेती से संबधित जानकारियों के डिजिटलीकरण के लिए पतंजलि द्वारा किए गए कार्य राज्य के विभिन्न विभागों के लिए किस तरह उपयोगी साबित हो सकते हैं।बैठक में कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी व आनंद बर्द्धन, सचिव शैलेश बगोली, नितेश झा, डा बीवीआरसी पुरुषोत्तम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।