धारचूला : भारत नेपाल के मध्य बहने वाली काली नदी पर भारत की तरफ तटबंध निर्माण कार्य के लिए दोनों देशों के अधिकारियों के संयुक्त निरीक्षण और वार्ता के चौबीस घंटे भीतर नेपाल की तरफ से ग्यारहवीं बार पथराव किया गया।
नेपाल की तरफ से चार लोग पथराव करते रहे । यहां तक कि गुलेल से भी पथराव कर भारत में कार्य कर रही डंपर मशीनों और मिट्टी गिरा रहे टिप्परों पर पत्थर मारे गए। जिससे डंपर और टिप्पर से शीशे टूट गए। नदी में खड़ी डंपरों के आपरेटरों ने पानी में कूद मारते भाग कर जान बचाई। टिप्पर चालक के सामने का शीशा तोड़ते हुए पत्थर उसकी बांह पर लगा और चालक घायल हो गया।
नेपाल प्रहरी के जवान मूकदर्शक बने रहे
नेपाल से हो रहे पथराव के दौरान नेपाल में तैनात नेपाल प्रहरी के जवान मूकदर्शक बने रहे। पथराव करने वालों को रोकने का प्रयास भी नहीं किया गया। वहीं पथराव से भारत में कार्यस्थल पर भगदड़ मच गई।
भारत में कार्य कर रहे मजदूर व कर्मी नेपाल प्रहरी को पथराव के बारे में इशारे करते रहे परंतु नेपाल में किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं हुई। सूचना मिलते ही धारचूला के उपजिलाधिकारी दिवेश शाशनी ने नेपाल के प्रशासन से वार्ता कर सूचना दी और कार्य को बंद करने के निर्देश दिए। इस घटना को लेकर धारचूला में आक्रोश व्याप्त है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार नेपाल की तरफ से चार लोग पथराव कर रहे थे।
नेपाल में भारत के घटधार के पास भारी मलबा जमा है। यही मलबा सारे विवादों का कारण बना हुआ है। भारत में घटधार के पास ही आसन्न संकट बना हुआ है। घटधार से ही तटबंध बनने हैं। इस संबंध में नेपाल के लोगों का कहना है कि भारत में तटबंध बनते ही काली नदी का बहाव नेपाल की तरफ हो जाएगा।
भारत का कहना है कि नेपाल अपनी तरफ से मलबा हटाए । मलबा नहीं हटने के कारण घटधार में तटबंध निर्माण नहीं हो रहा है। जैसे ही भारत की तरफ घटधार में कार्य होने लगता है तो नेपाल की तरफ से पथराव हो जाता है। शुक्रवार को भी 11वीं बार पथराव किया गया। इस पथराव से टिप्पर चालक पिथौरागढ़ निवासी गोपाल पांडेय घायल हो गया।
भारत और नेपाल प्रशासन से भी अब जनता खफा
भारत में तटबंध निर्माण के दौरान नेपाल की तरफ से 11वीं बार पथराव होने से धारचूलावासी भारत और नेपाल के प्रशासन से भी खफा नजर आ रहे हैं। जनता का कहना है कि भारत नेपाल प्रशासन आपस में वार्ता करते हैं निर्णय भी लिए जाते हैं परंतु परिणाम ढाक के तीन पात वाला रहता है।
नेपाल से पथराव कर कार्य बाधित किया जाता है । नेपाल प्रशासन पथराव करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है और भारतीय प्रशासन नेपाल प्रशासन पर दबाव नहीं बना पा रहा है। पथराव के दौरान नेपाल प्रहरी व सुरक्षा बलों के मूक दर्शक बने रहने पर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
पथराव से दो डंपर और दो टिप्परों के शीशे टूटे। चालक बाल -बाल बचे। जिस समय नेपाल से पथराव हो रहा था उस समय नेपाल पुलिस और सुरक्षा बल के जवान पास में ही खड़े थे, परंतु उन्होंने पथराव करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की । ऐसे में कार्यस्थल पर कार्य करना मुश्किल हो चुका है।
-फरजान अहमद , एसडीओ , सिंचाई विभाग , धारचूला
नेपाल प्रशासन इस तरह की कार्रवाई पर रोक नहीं लगाना भारत नेपाल के मैत्री संबंधों के लिए उचित नहीं है। जब नेपाल में सुरक्षा के उपाय किए गए तो भारत से किसी तरह का विरोध नहीं हुआ था। न ही अराजकता । नेपाल प्रशासन से अपील है कि इस तरह के अराजक तत्वों पर सख्त कार्रवाई हो। हम लोकतांत्रिक देश के निवासी हैं । मजबूर होकर हमे भी अंतरराष्ट्रीय पुल बंद करने को मजबूर होना पड़ेगा।
– प्रेमा कुटियाल, सभासद नगरपालिका , धारचूला
नेपाल द्वारा बार -बार पथराव कर भारत में सुरक्षात्मक कार्य में बाधा डालना अनुचित है। 11वीं बार इस तरह की हरकत हो चुकी है। नेपाल प्रशासन ने अब तक अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। मित्रता को देखते हुए नेपाल प्रशासन तत्काल कार्रवाई करे।
– महिराज, समाज सेवी ,धारचूला
हमने घटधार में कार्य प्रारंभ कराने के लिए 27 दिसंबर तक का समय दिया है। नेपाल प्रशासन इस पर रोक लगाए और भारतीय प्रशासन इस मामले का निस्तारण करे। अन्यथा 27 दिसंबर को तहसील कार्यालय का घेराव व बाद में अंतरराष्ट्रीय पुल को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने निर्णय पर जनता तैयार है।
– महेंद्र बुदियाल, भाजपा नेता , धारचूला
घटना की जानकारी जिलाधिकारी को दे दी है। जिलाधिकारी से इस संबंध में नेपाल प्रशासन से वार्ता करने का अनुरोध किया गया है ताकि बार – बार होने वाली घटना फिर नहीं हो ।