मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज गन्ना एवं चीनी उद्योग नित नई ऊंचाइयों को छू रहा है । आज सबसे ज्यादा ग्रीन इंधन एथेनॉल के माध्यम से देने का काम हमारी शुगर इंडस्ट्री और हमारे किसान कर रहे हैं। अब यह नहीं होगा कि हमारा ही पैसा पेट्रोडॉलर के नाम पर बाहर जाएगा और हमारे ही खिलाफ आतंकवाद के नाम पर खर्च होगा। अब यह पैसा डीजल और पेट्रोल पर अपने यहां खर्च किया जाएगा। मुख्यमंत्री सोमवार को फार्म मशीनरी बैंकों के लिए सोमवार को अपने आवास से 77 ट्रैक्टरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के कार्यक्रम में बोल रहे थे।
अपने आवास पर गन्ना समितियों को ट्रैक्टर एवं मशीनरी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले किसान साहूकारों के जाल में था। आज किसान की हालत सुधरी है । 2 करोड़ 60 लाख किसानों को साढ़े 3 साल के अंदर 51000 करोड़ रुपए की सम्मान निधि दी गई। 22 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा दी गई । 2017 से पहले खेती घाटे का सौदा बनी थी। आज पहली बार रिकॉर्ड कायम हो रहा है कि सरकार के 6 साल पूरे होने तक 200000 करोड़ से अधिक की राशि किसानों के गन्ना मूल्य के माध्यम से उनके खातों में जा रही है। ऐसे समय में जब पाकिस्तान भीख मांग रहा है और कोई उसे ऋण तक नहीं दे रहा तब हम डीबीटी के माध्यम से किसानों को पैसा जारी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का परिणाम रहा है कि किसान 10 टन अतिरिक्त प्रति हेक्टेयर में गन्ना ले रहे हैं । 800000 अतिरिक्त गन्ने का रकबा बढ़ा है । हमने कोरोना में भी मिलें चलवाईं हैं और किसानों को पैसा मिलता रहा साथ ही सैनिटाइजर 27 राज्यों को सप्लाई किया गया। गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाया और अब आलू के बारे में भी व्यवस्था बनाने जा रहे हैं। किसानों को इधर-उधर भागने की नौबत नहीं आएगी।
उन्होंने कहा कि किसानों को ऐसे यंत्र दिए जा रहे हैं जिससे पराली को आग नहीं लगानी पड़ेगी बल्कि यह मशीन काटकर फसल को ढांचे की तरह ही मिट्टी में मिला देगी। किसान उसका इस्तेमाल करें। उन्होंने किसानों से सहफसली खेती, टिशु कल्चर अपनाने तथा ड्रिप इरिगेशन अपनाने पर जोर दिया । कार्यक्रम में गन्ना मंत्री लक्ष्मीनारायण, संजय आर भूसरेड्डी गन्ना राज्यमंत्री संजय गंगवार, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, अपर मुख्य सचिव संजय और भूसरेड्डी समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे।