देहरादून। प्रदेश में विधानसभा की रिक्त दो सीटों बदरीनाथ और मंगलौर में उपचुनाव की घोषणा होते ही कांग्रेस ने भी कमर कस ली है। बदरीनाथ विधानसभा सीट पर लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को पार्टी के विधायक राजेंद्र भंडारी के भाजपा में जाने से जिस प्रकार झटका लगा है, पार्टी उसी प्रकार उपचुनाव में भाजपा को कांटे की टक्कर देने की तैयारी कर रही है।
सत्ताधारी दल भाजपा की ओर से चुनाव मैदान में उतरने की स्थिति में कांग्रेस के लिए उन्हें चुनौती देने में ज्यादा ताकत लगानी पड़ेगी। कांग्रेस के सामने इस सीट पर सबसे बड़ी चुनौती मजबूत प्रत्याशी के चयन की है। लोकसभा चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को अधिक मत पड़े हैं। भाजपा को ईवीएम पर 31,845 मत पड़े, जबकि कांग्रेस को 23,600 मत प्राप्त हुए हैं। कांग्रेस को आठ हजार से अधिक मतों से पिछड़ना पड़ा है।
आपदा प्रभावित जोशीमठ क्षेत्र के कई बूथों पर कांग्रेस को भाजपा से अधिक मत प्राप्त हुए हैं। इस कारण कांग्रेस को उम्मीद है कि उपचुनाव में उसे सफलता मिल सकती है। वहीं, हरिद्वार जिले की मंगलौर विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर कांग्रेस उत्साहित है। यह सीट बसपा विधायक सरबत करीब अंसारी के निधन से रिक्त हुई है।
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यह सीट बसपा के हाथों गंवाई थी। बसपा विधायक के निधन से रिक्त इस सीट पर उपचुनाव में सहानुभूति और मतदाताओं के समीकरण की दृष्टि से कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बसपा है।
लोकसभा चुनाव के दौरान हरिद्वार संसदीय सीट पर कांग्रेस को इस विधानसभा क्षेत्र में बसपा और भाजपा से अधिक मत प्राप्त हुए हैं। लोकसभा चुनाव में मंगलौर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को ईवीएम के माध्यम से 21100 मत प्राप्त हुए। वहीं, कांग्रेस को 44,101 यानी दोगुना से अधिक मत मिले हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि पार्टी दोनों विधानसभा सीटों पर उपचुनाव मजबूती से लड़ेगी।