सुलतानपुर में सर्राफ की दुकान पर डकैती के आरोपित मंगेश यादव की पुलिस मुठभेड़ में मौत पर सवाल उठा रहे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करारा जवाब दिया है।
विधानसभा उपचुनाव की हलचल के बीच कटेहरी विधानसभा क्षेत्र पहुंचे योगी ने अखिलेश का नाम लिए बिना कहा, ‘कोई डकैत पुलिस मुठभेड़ में मारा जाता है तो सपा को क्यों बुरा लगता है? अगर डकैतों का सुराग न लग पाता तो वे (सपा नेता) कहते हैं कि अराजकता है। डकैत अगर मुठभेड़ में मारा जाता है तो वे कहते हैं ऐसा नहीं होना चाहिए… तो उनसे पूछा जाना चाहिए कि क्या होना चाहिए? जो डकैत मारा गया वह ग्राहकों को गोली मार देता तो उनकी जान समाजवादी पार्टी वापस कर पाती क्या? ग्राहक कोई यादव, दलित या किसी भी जाति का हो सकता था।’
अखिलेश ने आरोप लगाया था कि मंगेश को उसकी जाति के कारण मारा गया। कटेहरी विधानसभा सीट लालजी वर्मा के अंबेडकरनगर से सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई है। यहां उप चुनाव की कमान मुख्यमंत्री ने खुद संभाल रखी है। रविवार को यहां उन्होंने विकास और जनकल्याण से जुड़ी 12 अरब 31 करोड़ रुपये की 6,778 की परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा- ‘बेटियों और व्यापारियों की सुरक्षा से सपा का दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है। जब कोई माफिया या डकैत मुठभेड़ में मारा जाता है तो जैसे पुलिस ने उनकी दुखती रग पर उंगली रख दी हो और वे चिल्लाने लगते हैं। अयोध्या में समाजवादी पार्टी के एक नेता ने निषाद समाज की बेटी के साथ अमानवीयता की। सपा के लोगों का निषाद समाज के लोगों के साथ ऐसा कृत्य है, लेकिन यह बेशर्म लोग हैं। यह अपराधियों को बचाने में रहते हैं।’
‘सत्ता तो विरासत में मिल सकती है, लेकिन बुद्धि नहीं’
मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता तो विरासत में मिल सकती है, लेकिन बुद्धि नहीं। जो लोग सत्ता को अपनी बपौती मानते थे, वे समझने लगे हैं कि अब उन्हें प्रदेश में कभी वापस नहीं आना है, इसलिए अराजकता पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। सपा पेशेवर अपराधियों का दल है। इनका व कांग्रेस का विकास, रोजगार और सुरक्षा से वास्ता नहीं है। जातिवाद के नाम पर तोड़ने की राजनीति कर रहे हैं। सपा शासन में गुंडे-माफिया की समानांतर सरकार चलती थी। अंतर यह है कि पहले पुलिस भागती थी, अब अपराधी भागते हैं।