देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने जन्मदिन पर राज्य के निर्धन विद्युत उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी। अब 100 यूनिट तक विद्युत खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को 50 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी।
उच्च हिमालयी क्षेत्रों में यह मानक 200 यूनिट तक रहेगा। एक किलोवाट तक विद्युत भार वाले उपभोक्ता इस सुविधा के पात्र होंगे। प्रदेश के लगभग 11.50 लाख उपभोक्ता इस योजना से लाभान्वित होंगे।
एडीबी सहायतित उत्तराखंड क्लाइमेट रेजिलिएंट पावर सिस्टम डेवेलपमेंट प्रोजेक्ट के अंतर्गत देहरादून शहर के प्रमुख मार्गों की विद्युत लाइन को भूमिगत करने के कार्यों को हरी झंडी दिखाई। इसमें लगभग 977 करोड़ की राशि खर्च होगी।
इसमें 132 केवी जीआइएस सब स्टेशन धौलाखेड़ा एवं संबंधित लाइन के निर्माण कार्य और 132 केवी जीआइएस सब स्टेशन खटीमा द्वितीय और संबंधित लाइन के निर्माण कार्य सम्मिलित हैं। उन्होंने हरिद्वार जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत निर्मित लक्ष्मी आवास योजना शिकारपुर, रुड़की के 101 लाभार्थियों को कब्जा पत्र और चाबी सौंपी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश के सतत विकास के लिए सरकार हर क्षेत्र में तेजी से कार्य कर रही है। जिन विद्युत परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया, इनसे विद्युत आपूर्ति और वितरण में और सुधार होगा। उद्योगों को बढ़ावा मिलने से रोजगार में भी वृद्धि होगी।
राज्य की आर्थिकी मजबूत होगी। स्मार्ट मीटर से ऊर्जा आपूर्ति प्रणाली सुदृढ़ होगी और आमजन की बिलिंग संबंधी समस्याएं दूर होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में विकास पथ पर निरंतर आगे बढ़ रही है।
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने जन्म दिवस पर प्रदेशवासियों के हित में कई कदम उठाए। कार्यभार संभालने के बाद से मुख्यमंत्री ने प्रदेश में नई कार्य संस्कृति बनाई है।
मुख्यमंत्री के कार्यकाल में अनेक बड़े कार्य हो रहे हैं। 977 करोड़ के लागत से देहरादून में विद्युत लाइन को भूमिगत करना महत्वपूर्ण कार्य है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, रेखा आर्य, राज्यसभा सदस्य और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, राज्यसभा सदस्य डा कल्पना सेनी, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, ऊर्जा सचिव डा आर मीनाक्षी सुंदरम, ऊर्जा निगम के एमडी अनिल कुमार और पिटकुल के एमडी पीसी ध्यानी और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।