मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने शुक्रवार को सचिवालय में बेरोजगार संगठन के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। भर्ती परीक्षाओं में धांधली की सीबीआई से जांच कराने की मांग पर उन्होंने कहा कि निष्पक्ष जांच चल रही है, अभी सीबीआई जांच का औचित्य नहीं है। इस पर उच्च स्तर पर विचार हो जाएगा। उन्होंने बेरोजगारों से अपील की कि बातचीत से ही समाधान निकलेगा।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, मैं स्वयं प्रतियोगी परीक्षा पास कर नौकरी में आई। मैं युवाओं का दर्द समझ सकती हूं। जब हम बेरोजगार होते हैं, तो सबसे पहली बात होती है कि हमें नौकरी मिल जाए। हम लोग बहुत रईस और राजशाही खानदानों से नहीं हैं। हम मध्यम और निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों से ही हैं। हम लोग अपनी मेहनत की कमाई पर ही निर्भर रहते हैं। जो युवा मेरे वर्ग के हैं, मैं उनका दर्द समझती हूं। उन्होंने बेरोजगारों की मांगों से जुड़े प्रश्नों का सिलसिलेवार कुछ यूं जवाब दिया।
मांग 1 – पारदर्शी और निष्पक्षता से हो भर्ती परीक्षा।
जवाब : पिछले एक साल में जिन परीक्षाओं में अनियमितता हुईं, उनकी एसटीएफ और एसआईटी से निष्पक्ष जांच कराई गई। कई दोषी जेल की सलाखों के पीछे हैं। पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से भर्ती परीक्षाएं कराने के उद्देश्य से उत्तराखंड में देश का सबसे सख्त नकलरोधी कानून लाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने अध्यादेश को अनुमोदन दे दिया है। इतना सख्त कानून बनाने का उद्देश्य यही है कि राज्य के युवाओं का भविष्य उज्ज्वल हो। युवाओं को अपनी मेरिट के आधार पर नौकरी मिले। देश में इतना सख्त कानून किसी भी राज्य में नहीं है।