राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल(NSA Ajit Doval) निजी कार्यक्रम के तहत आज ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन पहुंचेंगे। वह गंगा आरती में भी शिरकत करेंगे। उनके आगमन को लेकर परमार्थ निकेतन में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की जा रही है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का यह निजी दौरा बताया जा रहा है। हालांकि, उनके आगमन को लेकर परमार्थ निकेतन में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की जा रही है। अजित डोभाल शाम छह बजे परमार्थ निकेतन(Parmarth Niketan)पहुंचेंगे, जहां वह परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती से मुलाकात कर संध्याकालीन गंगा आरती में शिरकत करेंगे। विश्वव्यापी महामारी कोरोना संक्रमण के चलते परमार्थ निकेतन में करीब सात माह बाद गंगा आरती बुधवार से शुरू हुई है।
अभी परमार्थ आश्रम बाहर से आने वाले आम श्रद्धालुओं के लिए बंद है। मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी जिला निवासी एनएससी अजित डोभाल का परिवार लंबे समय से परमार्थ निकेतन से जुड़ा रहा है। पूर्व में उनकी पत्नी भी परमार्थ निकेतन की गंगा आरती में शिरकत कर चुकी हैं।
रुड़की में भी व्यवस्था चाक-चौबंद
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल दिल्ली से ऋषिकेश जाएंगे। इसे लेकर रुड़की में भी पुलिस अलर्ट है। शहर में जैमर लगी एक कार भी घूम रही है। रुड़की में उनके रुकने का कोई कार्यक्रम नहीं है। उनका काफिला दिल्ली से सीधा रुड़की होते हुए ऋषिकेश निकलेगा। इसके लिए हाईवे से यातायात को सुचारू किया जा रहा है। सड़क किनारे खड़े वाहनों को भी हटाया जा रहा है, जिससे कि सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक न हो।
एक नजर में…
उत्तराखंड के पौड़ी जिले के घिंडी गांव में 1945 में अजित डोभाल का जन्म हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा अजमेर के मिलिट्री स्कूल से पूरी हुई, इसके बाद उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए किया व पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद वे आइपीएस की तैयारी में लग गए।
कड़ी मेहनत के बल पर वह केरल कैडर से 1968 में आइपीएस के लिए चुन लिए गए। अजीत डोभाल 2005 में इंटेलिजेंस ब्यूरो यानि आइबी के चीफ के पद से रिटायर हुए। अजित डोभाल का जन्म 1945 में उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के घिड़ी गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अजमेर के मिलिट्री स्कूल से पूरी की थी, इसके बाद उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए किया व पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद वे आइपीएस की तैयारी में लग गए। कड़ी मेहनत के बल पर वह केरल कैडर से 1968 में आइपीएस के लिए चुन लिए गए। अजीत डोभाल 2005 में इंटेलिजेंस ब्यूरो यानि आइबी के चीफ के पद से रिटायर हुए हैं।