4 नवंबर को उत्तरकाशी में महापंचायत का ऐलान

उत्तरकाशी। मस्जिद को लेकर हुए बबाल के बाद शुक्रवार को सुबह से लेकर दोपहर बाद तक उत्तरकाशी में तनावपूर्ण माहौल रहा। पूरे जनपद में शुक्रवार को भी व्यापारियों ने पुलिस की ओर से लाठी चार्ज किए जाने के विरोध में बाजार बंद रखा।

विवाद को देखते हुए मुस्लिम समुदाय के लोग शुक्रवार को नमाज पढ़ने भी नहीं पहुंचे। जबकि हिंदू संगठन के कार्यकर्त्ताओं ने विश्वनाथ मंदिर परिसर में पुलिस के विरुद्ध जमकर हंगामा काटा। परिसर में बैठक की, जिसमें 4 नवंबर को उत्तरकाशी में हिंदू महापंचायत करने का ऐलान किया।

वहीं कोतवाली उत्तरकाशी में हिंदू संगठन के 8 कार्यकर्त्ताओं सहित 200 पर हत्या का प्रयास करने सहित 14 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में पुलिस की ओर से कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है।

 

प्रदर्शनकारियों ने मुस्लिम समुदाय के लोगों की दुकानों पर भी तोड़फोड़ की। बृहस्पतिवार की रात को देवभूमि रक्षा अभियान के संयोजक स्वामी दर्शन भारती ने चेतावनी कि अगर शुक्रवार को उत्तरकाशी की मस्जिद में नवाज अदा की गई तो फिर बाजार बंद के साथ उग्र आंदोलन होगा। जिसके बाद पुलिस भी अलर्ट मूड़ में आई। देर रात को जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जनपद उत्तरकाशी में धारा 163 लगाई।

 

शुक्रवार की सुबह जिला मुख्यालय का मुख्य बाजार सहित धौंतरी, मातली, डुंडा, बडकोट, नौगांव, पुरोला, डामटा, मोरी का बाजार बंद रहा। उत्तरकाशी के कुछ क्षेत्र में इक्का दुक्का दुकाने सुबह के दौरान खुली दिखी। जिन्हें व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने बंद कराया।

उत्तरकाशी सब्जी मंडी के व्यापारियों ने भी व्यापार मंडल के समर्थन में मंडी को बंद रखा। स्थिति को नियंत्रण करने के लिए टिहरी गढ़वाल, हरिद्वार और देहरादून जनपद से भी पुलिस बल उत्तरकाशी पहुंचा। दोपहर 12 बजे विश्वनाथ मंदिर परिसर में हिंदू संगठन के कार्यकर्त्ता एकत्र हुए।

कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह मौके पर पहुंचे और निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए भीड़ न करने को लेकर चेतावनी दी। जिस पर हिंदू संगठन के कार्यकर्त्ता भड़क गए। पुलिस और प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। फिर हिंदू संगठन के कार्यकर्त्ताओं ने बैठक कर 4 नवंबर को उत्तरकाशी में हिंदू महापंचायत करने ऐलान किया गया। साथ ही हनुमान चालिसा का पाठ भी किया।

 

वहीं मुस्लिम समुदाय की ओर से घरों में ही नमाज पढ़ने की अपील की थी। जिसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद नहीं गए। शुक्रवार की देर शाम तक स्थिति कुछ शांति की ओर बढ़ी।

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