पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे लेह के दौरे पर पहुंचे हैं। यहां वह सुरक्षा हालातों का जायजा ले रहे हैं और सीनियर फील्ड कमांडर्स एलएसी की मौजूदा स्थिति पर उन्हें ब्रीफ कर रहे हैं।
अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान सेना प्रमुख उन सैनिकों की तैयारियों की भी समीक्षा करेंगे जो बीते तीन महीने से चीनी सैनिकों के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं।
पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुए ताजा टकराव से तनाव बढ़ा हुआ है। दोनों देशों के बीच गतिरोध कम करने को लेकर बीते दो दिनों से लगातार ब्रिगेड कमांडर स्तर की वार्ता हो रही है। हालांकि, इस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल सका है।
दरअसल, 29-30 अगस्त की रात चीनी सैनिकों ने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर घुसपैठ की कोशिश की, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। चीन की ऐसी हरकतों के कारण भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के आसपास सामरिक महत्व की कई ऊंची चोटियों तथा पूरे क्षेत्र में जवानों की तैनाती बढ़ा रखी है। भारतीय वायुसेना को भी पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन की बढ़ती गतिविधियों पर नजर रखने के लिए चौकसी बढ़ाने को कहा गया है।
बता दें कि हाल ही में चीन से तनाव के बीच केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने पूर्वी लद्दाख में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ-साथ लेह का दौरा किया था। रक्षामंत्री लद्दाख दौरे के दौरान स्थानीय सैन्य कमांडरों के साथ एलएसी पर टकराव और सैन्य तैनाती की समीक्षा की थी।