उत्तरी व पूर्वी कमान संभालते ही नये कमांडर इन चीफ ने सेना प्रमुख के साथ चीन और पाकिस्तान को घेरने के लिए रणनीति बनानी शुरु की

भारतीय सेना के उत्तरी व पूर्वी सैन्य कमान को दो नए मुखिया मिल गए हैं। उत्तरी व पूर्वी कमान संभालते ही नये कमांडर इन चीफ ने सेना प्रमुख के साथ चीन और पाकिस्तान को घेरने के लिए रणनीति बनानी शुरु कर दी है। दरअसल, सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, उत्तरी व पूर्वी सैन्य कमान के नये कमांडर इन चीफ के साथ पाकिस्तान और चीन की सीमा की स्थिति को लेकर बैठक कर रहे हैं। इसके अलावा हाल ही में उप-सेना प्रमुख का पदभार संभालने वाले लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के रूप में पहली बार इस बैठक में शिरकत की है।

सेना के अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी एएनआइ को बताया, यह समीक्षा बैठक भारत-चीन व भारत-पाकिस्तान सीमा पर हालिया बदलाव के मद्देनजर आयोजित की जा रही है। इस बैठक में उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता भी मौजूद हैं। दोनों ही नये कमांडर ने 1 फरवरी को कमांडर के रूप में पदभार ग्रहण किया था।

दरअसल, भारत और चीन के बीच लगभग दो वर्षों से सैन्य गतिरोध चल रहा है, और इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, सेना किसी भी स्थिति के लिए तैयार है, और हाल ही में सेना प्रमुख ने स्पष्ट रूप से कहा था कि, युद्ध की स्थिति में भारत विजयी होगा। सेना के शीर्ष अधिकारी आज बैठक में सैन्य सचिव की शाखा से जुड़े मुद्दों पर भी विचार करेंगे।

बता दें कि, उपेंद्र द्विवेदी ने लेफ्टिनेंट जनरल वाइके जोशी की जगह ली है, जो सोमवार को सेवानिवृत्त हो गए। वहीं आरपी कलिता ने लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे की जगह पदभार संभाला है। पूर्वी सेना कमान के प्रमुख रहे लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने मंगलवार को लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती के स्थान पर भारतीय सेना के नए उप प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला है। लेफ्टिनेंट जनरल पांडे नई भूमिका संभालने से पहले पूर्वी सेना कमांडर के रूप में कार्यरत थे।

पूर्वी कमान का मुख्यालय कोलकाता में ही है। उनकी जगह लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता को पूर्वी सेना कमान का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है। यह कमान सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश सेक्टरों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की रखवाली करती है, इसका मुख्यालय कोलकाता में ही है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आपरेशन पराक्रम के दौरान नियंत्रण रेखा (एलओसी) के साथ एक इंजीनियर रेजिमेंट की कमान संभाली थी।

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