केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी की ओर से ’रिइमेजिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग यूनिवर्सिटी’ पर आयोजित ’ग्लोबल वर्चुअल कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे।
’रिइमेजिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग यूनिवर्सिटी – कंफ्ल्युएंस आफ आइडियाज ड्यूरिंग एंड बियोंड द कोविड – 19 डिसरप्शन’ पर आयोजित वैश्विक सम्मेलन के दौरान 15 विषयगत पैनल चर्चाओं में 6 महाद्वीपों और 15 देशों के 55 विश्वविद्यालयों के 40 कुलपति हिस्सा लेंगे।
– यह सम्मेलन 6 और 7 अगस्त, 2020 को आयोजित हो रहा है।
देहरादून- (प्रयास उतराखंड) 4 अगस्त, 2020 – ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) और इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हायर एजुकेशन रिसर्च एंड कैपिसिटी बिल्डिंग (आईआईएचईडी) की ओर से 6 और 7 अगस्त, 2020 को ’रीइमेजिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग यूनिवर्सिटी – कंफ्ल्युएंस आफ आइडियाज ड्यूरिंग एंड बियोंड द कोविड – 19 डिसरप्शन’ विषय पर एक वैश्विक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। यह सम्मेलन 6 ग्लोबल एजुकेशन नेटवर्क – एसोसिएशन ऑफ कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटीज (एसीयू), एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (एआईयू), कोइम्ब्रा ग्रुप ऑफ ब्राजीलियन यूनिवर्सिटीज, लासपाउ (हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से जुड़े नेटवर्क), स्टार स्कॉलर्स नेटवर्क और कतर फाउंडेशन की भागीदारी में हो रहा है।
यह सम्मेलन भारत में शिक्षा और विश्वविद्यालयों के भविष्य को फिर से संवारने और बदलने के उद्देश्य से शुरू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के ठीक बाद आयोजित हो रहा है। भारत सरकार के माननीय केंद्रीय कैबिनेट शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक इस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन के मौके पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) डी पी सिंह तथा एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (एआईयू) के महासचिव प्रोफेसर (डॉ) पंकज मित्तल अपनी उपस्थिति से सम्मेलन को गौरवान्वित करेंगे।
इस आयोजन के दौरान भारतीय उच्च शिक्षा परिदृश्य की प्रमुख हस्तियों की गौरवमय उपस्थिति होगी। इन हस्तियों में राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) के अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) वीरेंदर एस चैहान’ अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) अनिल डी सहस्त्रबुद्धे तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के उपाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) भूषण पटवर्धन प्रमुख हैं।
सम्मेलन में 15 विषयगत पैनल चर्चा आयोजित होगी जिनमें 6 महाद्वीपों और 15 देशों के 80 से अधिक विचारक एक साथ आएंगे। इस दौरान 4 मुख्य व्याख्यान तथा दो विशेष संवाद होंगे जिनमें विश्वविद्यायों की प्रमुख महिला हस्तियों के नेतृत्व में विशेष पैनल भी शामिल है।
मुख्य आकर्षण
– यह सम्मेलन 6 महाद्वीपों और 15 देशों के 80 से अधिक विचारकों की उपस्थिति का गवाह बनेगा।
– इस सम्मेलन में 15 विषयगत पैनल चर्चाओं’ 4 मुख्य व्याख्यानों तथा दो विशेष संवादों का आयोजन होगा जिनमें विश्वविद्यायों की प्रमुख महिला हस्तियों के नेतृत्व में विशेष पैनल भी शामिल है।
– यह सम्मेलन केंद्रीय शिक्षा मंत्री, यूजीसी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, एनएएसी अध्यक्ष, एआईसीटीई अध्यक्ष तथा एआईयू के महासचिव को एक मंच पर लाएगा।
– इस सम्मेलन में ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, ब्राजील, कनाडा, हांगकांग एसएआर, भारत, जापान, कुवैत, मलेशिया, मॉरीशस, सिंगापुर, श्रीलंका, ब्रिटेन, अमेरिका और कतर के 55 से अधिक विश्वविद्यालयों और कॉलेजों का प्रतिनिधित्व होगा।
– जेजीयू ने इस सम्मेलन के आयोजन के लिए 6 ग्लोबल एजुकेशन नेटवर्क्स – एसोसिएशन ऑफ कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटीज (एसीयू), एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (एआईयू), कोइम्ब्रा ग्रूप ऑफ ब्राजीलियन यूनिवर्सिटीज, लासपाउ ( हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से जुड़े नेटवर्क), स्टार स्कॉलर नेटवर्क, कतर फाउंडेशन के साथ साझेदारी की है।
– लगभग 40 वर्तमान और पूर्व कुलपति, प्रोवोस्ट्स, रेक्टर, अध्यक्ष, संस्थापक डीन और निदेशक इस सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
– इस सम्मेलन में दुनिया भर के विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा से संबंधित 20 से अधिक विषयों पर चर्चा की जाएगी।
– इस सम्मेलन में एसोसिएशन आफ कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटीज (एसीयू), इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज (आईएयू), टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई), सोसाइटी फॉर ट्रांसनेशनल एकेडमिक रिसर्च (स्टार) नेटवर्क, क्वैकरेली साइमंड्स (क्यूएस) और कतर फाउंडेशन सहित राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के वरिष्ठ नेतृत्व की उपस्थिति होगी। ।
ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर (डॉ) सी राज कुमार ने कहा कि, ष्हम विश्वविद्यालय के विचार की फिर से कल्पना करने और उसमें बदलाव करने के उद्देश्य से दो दिन तक चलने वाली अत्यंत महत्वपूर्ण चर्चाओं के लिए 80 देशों के 80 नेताओं से एक साथ लाने के लिए बेहद उत्साहित हैं।ष् वर्तमान कोविड-19 महामारी के इस दौर में यह दुनिया भर के उच्च शिक्षा के नेताओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है कि एक साथ आएं और विश्वविद्यालयों के भविष्य को फिर से परिभाषित करने के लिए मिलकर विचार करेंगे जो हमारे छात्रों के जीवन’ शिक्षाविदों और देशों को प्रभावित करेगा। इस वैश्विक सम्मेलन को भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के शुभारंभ के ठीक बाद आयोजित किया जा रहा है जिसने एक दृष्टिगत वक्तव्य को रेखांकित किया है, इसलिए, जेजीयू में हम इस तरह के मंच को बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहते है। वास्तव में भारत और दुनिया भर में हमारे शिक्षा नेटवर्क भागीदारों के समर्थन के प्रति हम शुक्रगुजार है जिन्होंने ऐसे समय में इस मंच के निर्माण को पूरा करने में हमारी मदद की। ”
दुनिया भर के 55 विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के शिक्षाविदों के साथ लगभग 40 वर्तमान और पूर्व कुलपति, प्रोवोस्ट्स, रेक्टर, अध्यक्ष, संस्थापक डीन और निदेशक वैश्विक उच्च शिक्षा के भविष्य पर चर्चा करने के लिए मौजूद रहेंगे। इस सम्मेलन में कई राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के वरिष्ठ नेतृत्व भी शामिल होंगे जिनमें डॉ जोआना न्यूमैन, मुख्य कार्यकारी और महासचिव, एसीयू, डॉ फ्रांसिस्को जे़ मार्मोलेजो, शिक्षा सलाहकार, चेयरपर्सन का ऑफिस, कतर फाउंडेशन; प्रोफेसर (डॉ) उत्तमगौली, अध्यक्ष, सोसाइटी फॉर ट्रांसनेशनल अकेडमिक रिसर्च (स्टार) नेटवर्क, श्री फिल बैटी, चीफ नॉलेज ऑफिसर, टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई), श्री बेन सॉटर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, क्वाकरेली साइमंड्स (क्यूएस) प्रमुख हैं।इस सम्मेलन का उद्देश्य भारत को ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, ब्राजील, कनाडा, हांगकांग एसएआर, भारत, जापान, कुवैत, मलेशिया, मॉरीशस, सिंगापुर, श्रीलंका, ब्रिटेन, अमेरिका और कतर के वक्ताओं के साथ एक वैश्विक अनुभव प्रदान करना है। इस दौरान सभी को इनके भाषणों सुनने का मौका मिलेगा और वे यहां तक कि इन देशों के कुछ प्रमुख विश्वविद्यालयों से अत्यधिक कुशल शिक्षाविदों के साथ प्रत्येक पैनल के अंत में प्रश्न और उत्तर सत्रों के माध्यम से बातचीत कर सकते हैं, जिनमें बिट्स पिलानी, बोस्टन कॉलेज, कॉर्नेल विश्वविद्यालय, हार्वर्ड विश्वविद्यालय, भारतीय प्रबंधन संस्थान – अहमदाबाद, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, शिकागो विश्वविद्यालय, सिडनी विश्वविद्यालय, मैकगिल विश्वविद्यालय, पेस विश्वविद्यालय, एरिजोना विश्वविद्यालय, कैंब्रिज विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, मेलबर्न विश्वविद्यालय, न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, साओ पाउलो विश्वविद्यालय, वोलांगोंग विश्वविद्यालय, येल विश्वविद्यालय, यॉर्क विश्वविद्यालय शामिल हैं।
कोविड-19 महामारी और उसके बाद के समय में विश्वविद्यालयों में होने वाले आवश्यक परिवर्तन को समझने के लिए चर्चाओं के विषय बहुत सोच समझकर तैयार किए गए हैं। सत्रों में 20 से अधिक विषयों पर चर्चा की जाएगी, जिनमें श्एशिया में विश्वविद्यालयों का भविष्यश्, श्विश्वविद्यालय में महिला नेतृत्वश्, श्अंतर्राष्ट्रीयकरण का भविष्यरू भारत के लिए निहितार्थश्, श्विश्वविद्यालय मिशन के रूप में उच्चतर शिक्षा, विविधता, समावेश श्औरश् सामाजिक न्याय में डिजिटल परिवर्तन श्औरश् शैक्षिक नेतृत्व, संस्थागत लचीलापन और अभिनव पहलश् शामिल होंगे।
मुख्य भाषण दुनिया भर के कुछ प्रख्यात नीति निर्माताओं और प्रसिद्ध शिक्षाविदों द्वारा दिए जाएंगे जिनमें प्रोफेसर (डॉ) साइमन मार्गिन्सन, उच्च शिक्षा के प्रोफेसर, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय; प्रोफेसर (डॉ) फिलिप जी आल्टबैच, संस्थापक निदेशक और अनुसंधान प्रोफेसर, सेंटर फॉर इंटरनेशनल हायर एजुकेशन, बोस्टन कॉलेज;, और डॉ शशि थरूर, भारत के संसद सदस्य शामिल होंगे।
यह सम्मेलन एक बहुत ही विशेष वेलेडिकटरी सत्र के साथ संपन्न होगा जिसमें श्री ओ.पी. जिंदल को सम्मानित करने के लिए येल विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट एमेरिटस, प्रोफेसर (डॉ) रिचर्ड लेविन के द्वारा एक विशेष मुख्य भाषण और संस्थापक दिवस का व्याख्यान होगा, जिनकी स्मृति में इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। यह सत्र में एसोसिएशन ऑफ कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटीज (एसीयू) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और महासचिव डॉ जोआना न्यूमैन भी उपस्थित होंगे।
इस आगामी आयोजन के दौरान कोविड -19 महामारी के दौरान और उसके बाद विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षा में भविष्य में होने वाले परिवर्तन के लिए उच्च शिक्षा के वैश्विक अग्रणियों के साथ दो दिन बौद्धिक विचार-विमर्श होने की उम्मीद है।
कृपया अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें – विकास कुमार- 8057409636