देहरादून। शुक्रवार रात्रि दिल्ली पहुंचे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महाराष्ट्र सदन में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से शिष्टाचार भेंट की। कोश्यारी उनके राजनीतिक गुरु हैं। कोश्यारी शुक्रवार रात्रि दिल्ली में थे और शनिवार को उनका मुंबई वापसी का कार्यक्रम है। लिहाजा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली पहुंचते ही सबसे पहले उनसे भेंट की। धामी की युवा मुख्यमंत्री के तौर पर ताजपोशी के पीछे कोश्यारी की भूमिका अहम मानी जाती है। कोश्यारी के उत्तराखंड का मुख्यमंत्री रहते हुए धामी उनके ओएसडी की भूमिका में रह चुके हैं। भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर धामी की तेजतर्रार नेता के तौर पर छवि उभरी थी। धामी की इस पिछली पारी को तराशने का श्रेय कोश्यारी के खाते में जाता है।
आपदा संभावित क्षेत्रों में पहले ही किए जाएंगे सुरक्षा बंदोबस्त
प्रदेश में आपदा के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों में पहले से ही सुरक्षा बंदोबस्त के लिए अब बजट की कमी आड़े नहीं आएगी। सरकार ने राज्य आपदा शमन निधि (एसडीएमएफ) का गठन किया है। सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा-48 की उपधारा (1) के खंड (ग) में मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए यह कदम उठाया है। आपदा प्रबंधन सचिव एसए मुरुगेशन ने इस एसडीएमएफ के गठन को लेकर आदेश जारी किए। हिमालयी राज्य उत्तराखंड आपदा के प्रति अति संवेदनशील है। हर वर्ष राज्य दैवीय आपदा, अति वृष्टि की वजह से राज्य को जान-माल का नुकसान उठाने को मजबूर है। आपदा आने के बाद नुकसान की भरपाई के लिए कदम उठाए जाते हैं। आपदा आने से पहले ही उससे निपटने को पुख्ता बंदोबस्त के लिए बजट प्रविधान नहीं किया जाता।
सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए एसडीएमएफ के गठन का कदम उठाया है। इस निधि से आपदा संभावित स्थलों पर पहले ही सुरक्षा बंदोबस्त किए जाएंगे। पर्वतीय जिलों में बड़ी संख्या में आबादी क्षेत्र और गांव आपदा के प्रति संवेदनशील हैं। इन क्षेत्रों में आपदा के असर को कम करने के लिए समय रहते कदम उठाए जा सकेंगे। साथ ही इस निधि के लिए बजट का प्रविधान भी किया जा सकेगा। आपदा प्रबंधन सचिव एसए मुरुगेशन ने कहा कि निधि का गठन होने से सरकार को आपदा संभावित स्थानों के लिए जरूरी व्यवस्थाएं जुटाने में मदद मिलेगी।