उत्तर प्रदेश से अलग होकर नौ नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया उत्तराखंड सोमवार को 21वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। इस मौके पर राजधानी देहरादून समेत राज्यभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसी क्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार सुबह देहरादून में राज्य स्थापना दिवस पर शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके पुलिस लाइन में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के साथ रैतिक परेड में शिरकत की। इस मौके पर विकास पुस्तिका का विमोचन भी होगा।
वहीं, ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने के बाद भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में पहली बार राज्य स्थापना दिवस पर भव्य कार्यक्रम होगा, जिसमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मौजूद रहेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि गैरसैंण से वह राज्यवासियों को कई सौगात देंगे।
पुलिस लाइन में धूमधाम से मनाया जा रहा राज्य स्थापना दिवस
राज्य स्थापना दिवस पुलिस लाइन में धूमधाम से मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कार्यक्रम में पहुंच गए हैं। उन्होंने परेड वाली टुकड़ियों से सलामी ली। मुख्यमंत्री के अलावा पुलिस महानिदेशक अनिल के रतूड़ी ने भी परेड की सलामी ली। कार्यक्रम की मुख्यतिथि राज्यपाल बेबी रानी मौर्य भी मौजूद हैं। उन्होंने जिप्सी में बैठकर परेड का निरीक्षण किया। परेड का नेतृत्व एसपी मंजूनाथ टीसी, सीओ पल्लवी त्यागी व प्रक्षिशु रेखा यादव कर रही हैं। इसके पश्चात स्मारिका विकास का लोकार्पण किया जाएगा।
पिछले 20 वर्षों में उत्तराखंड ने विभिन्न क्षेत्रों में देश में अपनी अलग पहचान बनाई है। बावजूद इसके अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है। अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से सटे राज्य के गांवों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने की चुनौती है, तो पलायन थामने को ठोस कार्ययोजना तैयार कर धरातल पर उतारने की। बदली परिस्थितियों में गांव लौटे प्रवासियों के आर्थिक पुनर्वास की दिशा में गंभीरता से कदम बढ़ाने की दरकार है तो आधारभूत ढांचे के विकास के लिए कार्य करने की भी। हालांकि, पिछले साढ़े तीन वर्षों में सियासी स्थिरता के बीच मौजूदा सरकार ने इन मोर्चों पर काफी प्रयास किए हैं, मगर अब इनमें और तेजी की जरूरत शिद्दत से महसूस की जा रही है।
ऐसे में सभी की निगाहें राज्य स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री की ओर से की जाने वाली घोषणाओं पर टिक गई हैं। गैरसैंण में राज्य स्थापना दिवस समारोह के आयोजन से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसके संकेत भी दिए हैं कि गैंरसैंण को केंद्र में रखकर विकास के लिए तेजी से कदम बढ़ाए जाएंगे।
दोपहर साढ़े 12 बजे मुख्यमंत्री देहरादून से गैरसैंण के लिए रवाना होंगे। वह भराड़ीसैंण स्थित मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद विधानसभा परिसर में आयोजित स्थापना दिवस समारोह में शामिल होंगे। इस दौरान वह कुछ घोषणाएं भी कर सकते हैं। इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम भराड़ीसैंण में ही करेंगे। अगले दिन वह सुबह सात बजे सारकोट गांव पहुंचेंगे, जहां से वह पैदल दूधातोली पहुंचकर पेशावर कांड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। दोपहर में वह भराड़ीसैण में विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण करेंगे।