गोरखपुर, आरोग्यधाम सोनबरसा में स्थापित महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के संचालन के लिए जिम्मेदारी तय कर दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को विश्वविद्यालय का कुलाधिपति बनाया गया है। जबकि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. यूपी सिंह को प्रति कुलाधिपति की जिम्मेदारी सौंपी गई है। गुरु श्रीगोरक्षनाथ चिकित्सालय के निदेशक मेजर जनरल डा. अतुल बाजपेयी विश्वविद्यालय के पहले कुलपति और महाराणा प्रताप पीजी कालेज जंगल धूषड़ के प्राचार्य डा. प्रदीप कुमार राव विश्वविद्यालय के पहले कुलसचिव बनाए गए हैं। उन्होंने अपना कार्यभार ग्रहण भी कर लिया है।
डा. प्रदीप कुमार राव बने पहले कुलसचिव
कार्यभार ग्रहण करने के बाद डा. राव ने बताया कि परिनियमावली तय करने के लिए विश्वविद्यालय की पहली कार्य परिषद बुलाई गई है। 25 जून को बैठक का आयोजन विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन सभागार में होगा। इसे लेकर कार्य परिषद के लिए नामित सभी सदस्यों को आमंत्रण पत्र भेज दिया गया है। कार्य परिषद की बैठक के साथ ही विश्वविद्यालय के संचालन की औपचारिक शुरुआत हो जाएगी। विश्वविद्यालय में इसी सत्र से पहले से तय विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययन-अध्यापन का कार्य शुरू करने की तैयारी है। करीब 200 एकड़ में अत्याधुनिक संसाधनों के साथ स्थापित होने वाले इस विश्वविद्यालय में विद्याॢथयों को बाजारोन्मुखी और रोजगारपरक पाठ्यक्रमों का विकल्प तो मिलेगा ही, साथ ही शोधाॢथयों को शोध के लिए संसाधनयुक्त एक और केंद्र मिल जाएगा। इसे लेकर युवाओं में काफी हर्ष है।
इन्हें बनाया गया है कार्य परिषद सदस्य
उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम-2019 के तहत विश्वविद्यालय के कार्य परिषद सदस्य नामित कर दिए गए हैं। कार्य परिषद की अध्यक्षता कुलपति मेजर जनरल डा. अतुल बाजपेयी करेंगे। कुलसचिव डा. प्रदीप कुमार राव कार्य परिषद के पदेन सचिव होंगे। सदस्य के रूप में जिन्हें नामित किया है, उनमें धर्माचार्या महंत योगी मिथिलेश नाथ, महाराणा प्रताप इंटर कालेज के पूर्व प्राचार्य रामजन्म सिंह, अधिवक्ता प्रमथ नाथ मिश्र, कैंसर रोग विशेषज्ञ डा. सीएम सिन्हा, आयुर्वेदाचार्य डा. एसएन सिंह, गुरु श्रीगोरक्षनाथ कालेज आफ नर्सिंग की प्रधानाचार्य डा. डीएस अजीथा और दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की शिक्षाशास्त्र विभाग की आचार्य प्रो. शोभा गौड़ शामिल हैंं। उ’च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव ब्रह्मदेव कार्य परिषद में बतौर सदस्य शासन के प्रतिनिधि होंगे।
विश्वविद्यालय में इन पाठ्यक्रमों का होगा संचालन
बीएससी नॄसग, पोस्ट बेसिक बीएससी नॄसग, बीएएमएस, बीएचएमएस, बीयूएमएस, बीडीएस, एमबीबीएस, बीफार्मा (आयुर्वेद व एलोपैथ), डीफार्मा (आयुर्वेद व एलोपैथ), बीएससी एलटी, बीए/बीएससी यौगिक साइंस, बीएससी एजी, बीए आनर्स, बीएससी आनर्स (मैथ व बायो), बीएससी कंप्यूटर, बीकाम, बीएड, बीएससी-बीएड, बीए-बीएड, बीपीएड, पैरा मेडिकल का सटिर्फिकेट, बीसीए, बीबीए, डिप्लोमा और डिग्री कोर्स, शास्त्री आनर्स आदि।