रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज नौसेना कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करने रक्षा कार्यालय परिसर पहुंच गए हैं। यह सम्मेलन नौसेना कमांडरों के लिए सैन्य-रणनीतिक स्तर पर महत्वपूर्ण समुद्री मामलों पर चर्चा करने के साथ-साथ एक संस्थागत मंच के माध्यम से वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे और भारतीय वायु सेना के मार्शल विवेक राम चौधरी भी इस कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। बता दें कि यह चार दिवसीय सम्मेलन सोमवार को शुरू हुआ था और आज इसका अंतिम दिन है।
भविष्य की योजनाओं पर विचार करेंगे नौसेना प्रमुख
नौसेना प्रमुख अन्य नौसेना कमांडरों के साथ पिछले छह महीनों में भारतीय नौसेना द्वारा किए गए प्रमुख परिचालन, सामग्री, रसद, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और प्रशासनिक गतिविधियों की समीक्षा करेंगे और महत्वपूर्ण कार्यों के लिए भविष्य की योजनाओं पर विचार करेंगे। इस सम्मेलन में पड़ोसी देशों के सुरक्षा परिदृश्यों की पृष्ठभूमि में भू-रणनीतिक स्थिति की गतिशीलता के साथ-साथ चल रहे रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण उभरती चुनौतियों पर भी ध्यान दिया जाएगा।
चीनी नौसेना की गतिविधियों पर भी होगी चर्चा
इस बैठक में कमांडरों द्वारा हिंद महासागर में चीनी नौसेना की बढ़ती गतिविधियों के साथ-साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उसकी ताकत पर भी विशेष विचार-विमर्श हो सकता है। चीन के साथ एलओसी पर गतिरोध को भी सेना इस बैठक में उठा सकती है।
युद्धक क्षमता बढ़ाने पर किया जाएगा विचार-विमर्श
बात दें कि बैठक में मौजूदा सुरक्षा स्थिति पर बातचीत के साथ नौसेना की युद्धक क्षमता बढ़ाने पर भी चर्चा हो सकती है। सेना के अभियानों को प्रभावशाली बनाने और दक्षता को बढ़ाने पर भी विस्तार से चर्चा की जायेगा। वहीं शीर्ष कमांडर सेंसरों और हथियारों के प्रदर्शन, नौसेना के प्लेटफार्म की तैयारियों, परियोजनाओं और कई अन्य विषयों पर विस्तार से समीक्षा करेंगे।