दिव्यांग जनों के लिए काम करने वालों में श्रीमती रमा गोयल, ट्रस्टी सेक्रेटरी हर्षल फाउंडेशन ने अपना एक विशिष्ट स्थान बनाया है। रमा जी दिव्यांग जनों से जुड़े सरोकारों से पिछले 20 वर्षों से जुड़ी है। इनका मुख्य ध्येय दिव्यांग जनों का पुनर्वास कर उनको आत्म सम्मान से जीवन व्यतीत करने के लिए सक्षम बनाना है। इसके लिए उन्होंने ना केवल दिव्यांग जनों के लिए कृतिम अंगो की व्यवस्था की है जिसमें हाथ, पांव, कैलिपर, व्हील चेयर, बैसाखी, स्टिक, चश्मे, हियरिंग मशीन, आदि शामिल है बल्कि स्वस्थ जीवन के लिए योगाभ्यास, सकारत्मक सोच की शिक्षा भी दी है। साथ ही उन्हें रोजगार के अवसरों की जानकारी, कौशल विकास की शिक्षा ओर यहां तक की बैंक लोन तक की भी व्यवस्था एवम् जानकारी दी है।
अपने इन प्रयासों से वह उत्तराखंड में अब तक 8000 दिव्यांग जनों के जीवन में बदलाव लाने में सफल रही है। उनके प्रयास सतत् जारी है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करूगी कि दिव्यांग जनों की इस गौड़ मदर को इतनी शक्ति दे की वह सभी दिव्यांग जनों के जीवन में बदलाव ला सके।
विश्व दिव्यांग दिवस पर ब्रावो इंटरनेशनल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने रमा गोयल को दिव्यांग जनों के लिए किए कार्यों के लिए सोशल इंपैक्ट सम्मान से सममानित किया।
उनको सम्मान पत्र, मेडल, कार्ड आदि दिया गया।