जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्शन और दिशा-निर्देशन में विभागों को बिना पूर्व सूचना दिये आपदा प्रबन्धन की माॅक-ड्रिल का आयोजन किया गया। जानिए

देहरादून दिनांक 19 जून 2021 (जि.सू.का), ‘‘ जनपद देहरादून में किया गया आपदा प्रबन्धन माॅक-ड्रिल का आयोजन’’ जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्शन और दिशा-निर्देशन में विभागों को बिना पूर्व सूचना दिये आपदा प्रबन्धन की माॅक-ड्रिल का आयोजन किया गया। आज प्रातः 10ः20 बजे जनपद के आपदा कन्ट्रोलरूम को सूचना मिली कि अतिवृष्टि के चलते रिस्पना नदी में भंयकर बाढ़ आ गई है तथा लगभग 150 से 200 लोग बाढ़ के पानी में फंस गये हैं तथा रिस्पना नदी से सटी आबादी खतरे की जद में है। इसी बीच विकासखण्ड कालसी से कन्ट्रोलरूम को सूचना मिली कि कालसी-साहिया-चकराता रूट पर जजरेड में बादल फट गया है जिससे कुछ वाहन मलबे में फंस गये हैं तथा सड़क की कनेक्टिविटी टूट गई है।


इस सूचना पर जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव, सेना के कर्नल एस.शंकर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक योगेन्द्र रावत, मुख्य विकास अधिकारी नितिका खण्डेलवाल तथा अपर जिलाधिकारी प्रशासन वीर सिंह बुदियाल, सूचना मिलते ही जनपद आपदा कन्ट्रोलरूम पंहुचे। आपदा कन्ट्रोलरूम में अपर जिलाधिकारी वि/रा गिरिश चन्द्र गुणवंत तथा जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी डाॅ दीपशिखा रावत पहले से ही तैनात थे और अपने दैनिक कार्यों का निर्वहन कर रहे थे। इसी बीच देखते-देखते जनपद के विभिन्न विभागों के कार्यालयाध्यक्ष भी मौके पर आपदा कन्ट्रोलरूम में पंहुचते गये।

जिलाधिकारी ने जनपद में आपदा कन्ट्रोलरूम की कमान संभालते हुए विभिन्न विभागों के अधिकारियों को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में अपनी रेस्क्यू टीमें मय इक्विपमेंट डिपलाय के निर्देश देते हुए पूरे आईआरएस (इंसिडेंट रिस्पांस सिस्टम) को पूर्व में एसओपी में वितरित किये गये दायित्वों के अनुरूप रेस्क्यू अभियान में जुटने को निर्देशित किया तथा पल-पल की स्थिति का अपडेट लेते रहे। शीघ्र ही एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस, पुलिस, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा अपने-अपने इक्यूपमेंट के साथ रिस्पना नदी से सटे चूना भट्टामें फंसे लोगों का रेस्क्यू अभियान चलाया गया। घायलों की फिल्ड में प्राथमिकता राहत शिविर में चिकित्सा की गयी तथा गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को उपचार हेतु एम्बुलेंस के माध्यम से चिकित्सालयों में भेजा गया। साथ ही रिस्पना नदी के बीच में फंसे व्यक्तियों को रस्सी के सहारे रेस्क्ूय किया गया तथा रिस्पना से सटी बाढ जोखिम आबादी के लगभग 200 लोगों को चूना भट्टा के रैन बसरे में शिफ्ट किया गया तथा लोगों को अगले 24 घण्टे तक के लिए अलर्ट पर रहने को कहा गया। इसी क्रम में कालसी-साहिया-चकराता सड़क मार्ग में स्थित जजरेड में भूस्खलन में फंसे 82 यात्रियों को सकुशल रेस्क्ूय किया गया, जिसमें 14 बच्चे भी थे। इसमें 2 व्यक्तियों को गंभीर चोटे आयी थी जबकि 4 लोग सामान्य रूप से घायल हुए थे। मौके पर लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क से मलवा हटवाया गया और सड़क को आवागमन के लिए तैयार किया गया। इसके अतिरिक्त आपदा के बड़े होने की स्थिति में सहस्त्रधारा हैलीपैड पर हैलीकाप्टर को भी तैयार रखा गया था तथा सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ से भी आपदा के बढ़ने की स्थिति में समन्वय किया गया ताकि किसी भी तरह की अधिक संसाधनों की आवश्यकता होने की स्थिति में तत्काल सम्बन्धित विभागों को उपलब्ध करवाया जा सके और मौके पर और अधिक बचाव और राहत दलों को तैनात किया जा सके।
माॅकड्रिल सम्पन्न होने के पश्चात जिलाधिकारी ने एनआईसी सभागार में उपस्थित विभागीय अधिकारियों तथा उप जिलाधिकारी कालसी और सदर से वीडियोकान्फे्रसिंग के माध्यम से सम्पर्क साधते हुए माॅकड्रिल की फीडबैक और इसमें सामने आये विभिन्न बिन्दुओं, कमजोरियों को साझा किया गया तथा सभी विभागों से फीडबैक और सुझाव लिये गए। इस दौरान जिलाधिकारी ने आज की माॅकड्रिल के सम्बन्ध में कहा कि हालांकि कुछ विभागों ने उस उम्मीद से त्वरित रिस्पांस नहीं दिया जैसा दिया जाना चाहिए था फिर भी चूंकि माॅकड्रिल बिना किसी पूर्व सचूना के अचानक आर्गेनाईज की गयी थी तथा माॅक-ड्रिल में जिस तरह से विभिन्न विभागों और उनकी टीम ने रिस्पांस दिया उससे संतोष व्यक्त किया जा सकता है।
जिलाधिकारी ने बताया कि थोड़ा सा स्टेजिंग एरिया और मौके पर तैनात रेस्कयू दल को सहायता देने वाले सपोर्टिंग सिस्टम में और सुधार की गुंजाईश है साथ ही उन्होंने किसी भी आपदा को होल्ड करते समय इस बात का विशेष ध्यान देने को कहा कि प्रत्येक विभाग को तथा उनके प्रत्येक टीम के अधिकारी-कार्मिकों को किसी भी आपदा की सूचना पर आईआरएस के एसओपी में वर्णित दायित्वों के सम्पादन हेतु तत्काल अपनी पूर्व आईडेन्टीफाई लोकेशन पर पंहुच जाना चाहिए। इस दौरान सेना के कर्नल एस.शकर ने विभागीय टीमों को ब्रीफ करते हुए कहा कि आपदा के समय पहला 1 घण्टा गोल्डन आवर होता है इसलिए जितनी जल्दी हो सके सभी विभागों को अपने मय उपकरणों सहित एसओपी में उनको चिन्हित किये गये कार्यस्थल पर पंहुच जाना चाहिए। साथ ही विभिन्न विभागों और राहत कार्य करने वाली सभी टीमों के मध्य बेहतर तालमेल और सूचना समन्वय होना चाहिए।
इस दौरान ब्रीफ मीटिंग में मुख्य विकास अधिकारी नितिका खण्डेलवाल, अपर जिलाधिकारी वीर सिंह बुदियाल एवं गिरिश चन्द्र गुणवंत, पुलिस अधीक्षक यातायात एस.के सिंह, परियोजना निदेशक डीआरडीए विक्रम सिंह, जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल, मुख्य कोषाधिकारी रोमिल चैधरी, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ मनोज उप्रेती, उप जिलाधिकारी प्रेमलाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।।

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