हरिद्वार। जिला कार्यालय सभागार में राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने राजस्व के मुकदमों और जन समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करने के निर्देश दिए। कहा कि कार्यालय में आने वाले फरियादियों की समस्याओं को पूरे धैर्य और शालीनता से सुनकर उनका सरलीकरण, समाधान के साथ निस्तारित करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने निर्देशित करते कहा कि जनसुनवायी को जनता को अतिरिक्त समय भी दिया जाए। जिससे जनता को कार्यालयों के बार-बार चक्कर लगाने न पड़े। उन्होंने निर्देशित करते कहा कि हर समस्या का समाधान है। समस्या का समाधान नियम और कानून अंतर्गत रास्ता निकालते हुए किया जाए।
डीएम ने राजस्व वादों की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि सभी उप जिलाधिकारी तथा तहसीलदार कोर्ट वर्क को भी प्राथमिकता में शामिल करें तथा एक वर्ष से अधिक समय से लंबित वादों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करना सुनिश्चित करें।उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी केस में अनावश्यक तारीख पर तारीख न दी जाए। सभी मुकदमों में लंबी तारीख के स्थान पर छोटी तारीखें दी जाए ताकि मुकदमों का निस्तारण तेजी से किया जा सके।
नियमानुसार वसूली करें
डीएम ने यह भी स्पष्ट निर्देश दिए कि माह में दायर वादों की अपेक्षा निस्तारित वादों की संख्या अधिक हो। राजस्व वसूली कार्यों में तेजी लाकर नियमानुसार वसूली की जाए। बड़े देयकों की वसूली को उप जिलाधिकारी स्वयं भी कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। उन्होंने वाहन दुर्घटानाओं आदि से संबंधित मजिस्ट्रियल जांच शीघ्रता से पूरी करने के निर्देश संबंधित क्षेत्रों के उप जिलाधिकारियों को दिए।
उन्होंने विरासत के मामलों की समीक्षा के दौरान स्पष्ट निर्देश दिए कि अविवादित विरासत के मामलों में दाखिल-खारिज में विलंब नहीं होना चाहिए। अनावश्यक विलंबर करने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्यवाही अमल में लायी जाएगी। डीएम ने विभिन्न आयोगों से संबंधित रिपोर्ट समय से भेजने तथा न्यायालयों से संबंधित मुकदमों में काउंटर, शपथपत्र आदि दाखिल कराने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।संयुक्त मजिस्ट्रेट आशीष मिश्रा, अपर जिलाधिकारी पीएल शाह, दीपेंद्र सिंह नेगी, सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान, एमएनए जितेंद्र कुमार, उप जिलाधिकारी लक्ष्मीराज चौहान, युक्ता मिश्रा, गोपाल सिंह चौहान सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।