कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार पूर्व सीएम हरीश रावत ने 2022 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया है। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि पार्टी आलाकमान आगे जो निर्देश देगा, वह उसे मानने के लिए तैयार रहेंगे। रावत ने कहा कि वैसे उनकी मंशा है कि वह उत्तराखंड में इस बार कांग्रेस को चुनाव लड़वाएं। कहा कि इसबार कांग्रेस जरूरी वापसी करेगी और सभी उम्मीदवार भारी मतों से अपनी-अपनी जीत दर्ज कराएंगे। उन्होंने कहा कि वह चुनाव के लिए चेहरा इसलिए घोषित करवाने की बात कर रहे हैं, ताकि भाजपा को पीएम नरेंद्र मोदी को हाशिए में डाल ‘लोकल फॉर वोकल’ के लिए मजबूर होना पड़े। अन्यथा भाजपा की नीति रही है ..वह ग्राम प्रधान से लेकर निकाय चुनाव हर जगह मोदी को चेहरा बनाकर वोट मांगती है। रावत के ताजा रुख से उन्हें विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने के प्रयासों में जुटे उनके समर्थकों में खलबली मच गई है। हालांकि, रावत ने उनको यह कहकर दिलासा देने की कोशिश की है कि इस मामले में हाईकमान जो कहेगा, वे उसे मानेंगे। पूर्व सीएम हरीश रावत की ओर से विस चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान से कांग्रेस के दावेदारों ने राहत की सांस ली है। दरअसल, पूर्व में चर्चाएं चल रही थीं कि रावत चम्पावत या फिर लोहाघाट से लड़ सकते हैं। अब हरीश रावत ने दो टूक कहा है कि वह पेड़ लगाते हैं, उखाड़ते नहीं। उन्होंने पूर्व राज्यसभा सांसद महेंद्र सिंह माहरा के चुनाव लड़ने के ऐलान पर भी बात की। रावत बोले, माहरा नॉटआउट बल्लेबाज हैं। माहरा के मार्गदर्शन में चम्पावत से चुनाव लड़ा जाएगा। इशारों-इशारों में यह भी कहा कि माहरा चुनाव लड़ भी सकते हैं और लड़ा भी सकते हैं। रावत के वक्तव्य से चम्पावत और लोहाघाट में दावेदारी कर रहे नेताओं ने राहत की सांस ली है। वहीं, रावत ने किसान आंदोलन के समर्थन में फेसबुक लाइव भी किया।