गरमपानी : जून की तपिश के साथ जंगलों के धधकने से आग फिर आबादी तक पहुंचने लगी है। मंगलवार को बेतालघाट ब्लाक के बजेड़ी गांव में जंगल को जलाते हुए पहुंची लपटों ने राजकीय जूनियर हाईस्कूल के भवन को चपेट में ले लिया।
कुछ ही देर में आग कार्यालय व कक्षाओं तक फैल गई। इससे फर्नीचर, कंप्यूटर, पंखों के साथ ही स्कूल के अभिलेख जलकर राख हो गए। ग्रामीणों ने चार घंटे की मशक्कत के बाद आग बुझाई। स्कूल इन दिनों ग्रीष्मकालीन अवकाश की वजह से बंद है, अन्यथा बड़ा हादसा होता।
तेज हवा की वजह से लपटें विद्यालय तक पहुंचीं
घटना सुबह साढ़े दस बजे की है। बजेड़ी के जंगल कई दिन से धधक रहे थे, मगर तेज हवा की वजह से लपटें विद्यालय तक पहुंच गई। एक के बाद एक चार कक्षा कक्ष व कार्यालय कक्ष आग की लपटों से घिर गया। गांव के लोगों ने आग बुझाने के लिए प्रयास शुरू किए, मगर तब तक लपटें विकराल रूप ले चुकी थी। आग से चार कंप्यूटर, पुस्तकों से भरी अलमारी, खेल सामग्री, कागजात से भरी चार अन्य अलमारियां, फर्नीचर, दो प्रिंटर, साउंड सामग्री, दो प्रोजेक्टर और मध्याह्न भोजन के बर्तन जल गए। इस स्कूल में 90 विद्यार्थी पढ़ते हैं।
गांव के 50 से ज्यादा लोग आग बुझाने के लिए जुटे। जिनमें ग्राम प्रधान दीपा बिष्ट, देवेंद्र सिंह जलाल, मोहन सिंह, दीवान सिंह, राजेंद्र सिंह, भुपेंद्र सिंह, विरेन्द्र सिंह बिष्ट आदि थे। बच्चों ने भी प्रयास किया। पानी और अन्य संसाधनों से करीब चार घंटे बाद अपराह्न ढाई बजे आग नियंत्रित हुई्र, मगर तब तक सब राख हो चुका था। सूचना के बाद नायब तहसीलदार भुवन चंद्र भंडारी, एएसआइ हरी राम, वन दरोगा योगेश बोहरा ने टीम के साथ मौका मुआयना किया। आग से प्रधानाचार्य कक्ष को भी नुकसान पहुंचा है।
विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य नारायण राम के अनुसार लगभग जंगल की आग से विद्यालय को बड़ा नुकसान हुआ है। जिसका आंकलन तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजा जा रहा है। ग्रीष्मावकाश पूरा होने के बाद बच्चों की पढ़ाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाने पर भी विचार किया जा रहा है।
कैंची धाम की सुरक्षा दीवार तक पहुंची जंगल की आग
गरमपानी (नैनीताल): कैंची धाम क्षेत्र में बाबा नीब करौरी आश्रम से सटे जंगल में मंगलवार को आग धधक उठी। आश्रम के नजदीक बनी सुरक्षा दीवार तक लपटें पहुंचने से हड़कंप मच गया।
वन विभाग की टीम ने बमुश्किल आग पर काबू पाया। धाम के ठीक उपर लगी आग ने बड़े पैमाने पर वन संपदा को नुकसान पहुंचाया है। मंदिर परिसर की सुरक्षा दीवार के करीब तक लपटें पहुंचने पर वन विभाग को सूचना दी गई। वन टीम मौके पर पहुंची आग को फैलने से रोका गया।
ब्रिगेडियर आवास तक पहुंची जंगल की लपटें, सेना अलर्ट
रानीखेत : वनाग्नि का कहर थामे नहीं थम रहा है। माल रोड क्षेत्र में छावनी के जंगल से भड़की चिंगारी ने विकट रूप ले लिया। बेकाबू लपटें सैन्य रिकार्ड कार्यालय और आफिसर हाऊस के पास तक पहुंच गईं।
दमकल कर्मी दो तरफ से मोर्चा संभाल आग पर काबू पाने में जुटे। इसी बीच विकराल रूप ले चुकी लपटों के ब्रिगेडियर आवास के नजदीक तक पहुंचने पर सेना के जवानों को भी मोर्चा संभालना पड़ा। घंटों की मशक्कत के बाद हालात सामान्य हो सके। मगर माल रोड के निचले व ऊपरी वन क्षेत्र पूरी तरह जल चुका था। लगभग चार हेक्टेयर में लाखों की वन संपदा नष्ट हो गई। मंगलवार को पर्यटक नगरी का छावनी क्षेत्र घंटों धुंए के गुबार से बेजार दिखा। सैन्य रिकार्ड कार्यालय के पीछे आफिसर हाउस तक जंगल की आग पहुंचने से हड़कंप मच गया।
दमकल कर्मियों के साथ ही सेना अलर्ट मोड पर आ गई। देखते ही देखते आग तेज हवा के साथ कनोसा कांवेंट स्कूल, कुमाऊं विहार, मिलिट्री अस्पताल, चर्च व रानीझील के पास आवासीय क्षेत्र तक पहुंच गई। अग्निशमन अधिकारी वंश नारायण यादव के निर्देश पर दो दमकल वाहनों से माल रोड के निचले व ऊपरी जंगल की आग बुझाने को मशक्कत शुरू की गई। इसी दौरान आसमान छूती लपटें दोबारा कुमाऊं विहार के नजदीक ब्रिगेडियर आवास के पास तक पहुंचने से अफरा तफरी मच गई। सेना के जवान पुन: ब्रिगेडियर आवास की ओर दौड़े।
अग्निशमन अधिकारी वंश नारायण ने बताया कि पहली सूचना सेना के रिकार्ड कार्यालय के पास आग भड़कने की मिली थी। बाद में तेज हवा के कारण लपटें केआरसी कमांडेंट के आवास की तरफ बढ़ गई थीं। दमकल कर्मियों ने कहीं दो हौज, कहीं पर एक हौज तो हौज रील के साथ बीटिंग विधि से आग बुझाने में जुटे रहे। टीम में लीडिंग फायरमैन नरेश जोशी, संदीप सिंह रावत, चालक राजकुमार व ईश्वर सिंह , फायरमैन भास्कर चंद्र, देवेंद्र सिंह, अनुज शर्मा, कासिम अली, चांद सिंह थापा आदि शामिल रहे।