संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड की कमान तीरथ सिंह रावत को सौंपी गई है। विधानमंडल दल की बैठक में राज्य के नए मुख्यमंत्री के लिए उनके नाम का एलान हुआ। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे ध्वनिमत से पारित हुआ। आपको बता दें कि तीरथ सिंह राष्ट्रीय महासचिव और पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से सांसद हैं। तो चलिए जानते हैं उनके राजनीतिक सफर के बारे में…
तीरथ सिंह रावत पौड़ी गढ़वाल की असवालस्यूं पट्टी के अंतर्गत ग्राम सिरौं में जन्मे। वे छात्र राजनीति से ही सक्रिय रहे। तीरथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री रह चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद खंडूडी के सबसे करीबी लोगों में शामिल तीरथ सिंह को 2012 के विधानसभा में चुनाव में चौबट्टाखाल सीट से मैदान में उतारा गया, जहां उन्होंने जीत हासिल की। फरवरी 2013 में उन्हें पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई और 2015 में उन्हें प्रदेश की राजनीति से हटाकर राष्ट्रीय महासचिव का दायित्व दे दिया गया।
एक नजर तीरथ सिंह रावत पर
- पिता का नाम: कमल सिंह रावत
- जन्म तिथि: नौ अप्रैल 1964
- निवासी: ग्राम सीरों, पट्टी असवालस्यूं, पौड़ी गढ़वाल
- शिक्षा: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से समाज शास्त्र में परास्नातक
राजनीतिक सफर
- 1983 से 1988 तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे। उसके बाद अभाविप के संगठन मंत्री और राष्ट्रीय मंत्री, गढ़वाल विवि में छात्र संघ अध्यक्ष व छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष रहे। भाजयुमो (उत्तर प्रदेश) के प्रदेश उपाध्यक्ष व राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे।
- 1997 में पहली बाद उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित
- 2000 में राज्य गठन के बाद उत्तराखंड की अंतरिम सरकार में शिक्षा राज्य मंत्री का दायित्व
- 2007 में भाजपा के प्रांतीय महामंत्री बने
- 2012 के विस चुनाव में चौबट्टाखाल से जीत हासिल की
- 2013 में उत्तराखंड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष रहे। वर्ष 2013 में ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। वर्तमान में हैं पार्टी के राष्ट्रीय सचिव।