वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की चालबाजी की वजह से हालात एक बार फिर तनावपूर्ण हो गए हैं। बातचीत के जरिए दोनों देश तनाव कम करने की कोशिश कर रहे हैं। दोनों देशों की सेनाओं के बीच चुशूल में ब्रिगेड कमांडर स्तर की वार्ता हो रही है। माना जा रहा है कि इस दौरान पैंगोंग झील के दक्षिणी तट की स्थिति से संबंधित मुद्दों पर चर्चा होगी। इससे पहले 8 अगस्त को भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता हुई थी।
दरअसल, 15 जून को गलवन घाटी में एलएसी पर भारतीय सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के ठीक ढाई माह बाद चीन की सेना ने अब पैंगोंग सो झील इलाके में दुस्साहस किया है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने 29-30 अगस्त की रात को पैंगोंग सो क्षेत्र में एलएसी पर एकतरफा यथास्थिति बदलने के लिए उकसावेपूर्ण सैन्य गतिविधि की, जिसे भारतीय जवानों ने पूरी तरह नाकाम कर दिया।
दोनों देशों के बीच पहली बार गलवान घाटी में 15 जून को एक हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन ने उसके हताहत हुए सैनिकों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी लेकिन अमेरिका खुफिया रिपोर्ट के अनुसार उसके 35 सैनिक हताहत हुए थे।
भारत और चीन ने पिछले ढाई महीने में कई स्त्तर की सैन्य और राजनयिक बातचीत की है लेकिन पूर्वी लद्दाख मामले पर कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। तनाव को कम करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच फोन पर बातचीत के बाद छह जुलाई को दोनों पक्षों की ओर से पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। यह प्रक्रिया मध्य जुलाई से आगे नहीं बढ़ी है।