मध्य कश्मीर के बड़गाम जिले में पड़ने वाले चडूरा में आतंकियों की गोलियों के शिकार बने कश्मीर पंडित राहुल भट्ट का शुक्रवार को जम्मू में पूरे जोश और रोष के बीच अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान श्मशान घाट पर मौजूद हजारों की भीड़ भारत माता की जय…, राहुल भट्ट अमर रहे… और राहुल के हत्यारे को फांसी दो … के नारे गूंजते रहे। दूसरी तरफ मृतक की पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था। परिवार की वेदना से वहां मौजूद लोगों का कलेजा चाक हो रहा था, लेकिन नम आंखों में गुस्सा और जुबां पर जोश था। जम्मू से कश्मीर तक राहुल भट्ट की हत्या के विरोध में गुस्से की आग धधक रही है।
राहुल भट्ट का पार्थिव शरीर वीरवार देर रात को ही जम्मू के दुर्गा नगर स्थित उनके निवास पर पहुंच गया था। तब से उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों का हुजूम उमड़ता रहा। शुक्रवार की सुबह करीब सात बजे उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। अंतिम संस्कार के दौरान जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर रमेश कुमार, डिप्टी कमिश्नर अवनी लवासा तथा एडीजीपी मुकेश सिंह, कई राजनीतिक और गैर राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता और शहरवासी भी मौजूद रहे।
तीनों अधिकारियों ने शहीद राहुल भट्ट के पिता से मुलाकात की। राहुल भट्ट के पिता बिट्टा जी भट्ट ने इस हत्याकांड की जांच करवाने व दोषियों को उचित सजा दिलाने की मांग भी इन अधिकारियों के सामने रखी। उनका सवाल था कि कोई हथियार लेकर तहसील कार्यालय के अंदर कैसे घुस गया? राहुल के पिता बिट़्टा जी भट्ट को मलाल हो रहा था कि काश, बेटे के तबादले की अर्जी मंजूर हो गई होती, तो आज वह परिवार के बीच रहता। बिट्टा जी ने बेटे के तबादले के लिए बड़गाम के जिला उपायुक्त को पत्र लिखा था।
प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए दागने पड़े आंसू गैस के गोले : कश्मीरी हिंदू की हत्या के इस ताजे मामले में के बाद पूरे कश्मीर में गुस्से की आग धधक रही है। विभिन्न जगहों पर गुस्साए हिंदू सड़कों पर उतर आए हैं। शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन करते-करते लोग बडगाम एयरपोर्ट रोड की ओर बढ़ने लगे। पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं थे। मजबूरन स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
ज्ञात रहे कि बुधवार दोपहर बाद करीब तीन बजे बड़गाम जिले के चडूरा में जमीन का दस्तावेज बनाने के बहाने दो आतंकी हथियार के साथ तहसील कार्यालय में घुस आए। दोनों आतंकी सीधे वहीं पहुंचे, जहां राहुल भट्ट काम कर रहे थे। उनमें से एक आतंकी ने राहुल के टेबुल के बिल्कुल पास पहुंच कर कपड़े में छिपाया पिस्तौल निकाला और ताबड़तोड़ कई गोलियां उन्हें दाग दीं। उसके बाद वहां मची अफरातफरी के बीच दोनों आतंकी वहां से भाग निकले। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन कश्मीर टाइगर्स ने ली है। हत्या के बाद से ही पूरे कश्मीर में रोष प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हो गया। कश्मीरी हिंदू बेखाैफ होकर सड़कों पर उतर आए। कहीं रोड जाम किया गया तो कही कैंडल मार्च निकाला गया।