नई दिल्ली लंबे समय के बाद भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकारों की बुधवार को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शुरू होने वाले शंघाई कोआपरेशन आर्गेनाइजेशन (एससीओ) में होगी। इस बैठक में मुख्य रूप से अफगानिस्तान में शांति बहाली पर चर्चा होनी है।इसमें भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल के समकक्ष पाकिस्तान के मोईद यूसुफ शामिल हो रहे हैं। हालांकि भारत की तरफ से दो दिवसीय इस बैठक के दौरान में अजित डोवाल की पाकिस्तान के एनएसए से किसी तरह की द्विपक्षीय बैठक साफ इनकार किया गया है। वहीं पाकिस्तान के एनएसए ने भी दोनों के बीच बातचीत की संभावना से साफ इनकार किया है। हालांकि वो इस सम्मेलन के दौरान रूस, ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान, किर्गीस्तान, कजाखिस्तान और चीन के एनएसए से वार्ता करेंगे।
वहीं भारत के एनएसए की रूस के एनएसए से बातचीत होनी तय है। इसके लिए करीब ढाई घंटे का शड्यूल भी तय किया गया है। इसी वर्ष मार्च और अप्रैल में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की दुशांबे में हार्ट ऑफ एशिया की बैठक में मुलाकात हुई थी। हालांकि उस वक्त भी दोनों के बीच किसी तरह की औपचारिक द्विपक्षीय बातचीत नहीं हुई थी। बता दें कि फरवरी से ही दोनों देशेां के बीच सीजफायर लागू है।
आपको बता दें कि एससीओ के आठ सदस्य देश हैं। इसमें भारत, पाकिस्तान रूस, किर्गीस्तान, कजाखिस्तान, ताजिकिस्तान, चीन और उजबेकिस्तान शामिल हैं। भारत और पाकिस्तान को वर्ष 2017 में इसका पूर्ण सदस्य बनाया गया था। नवंबर 2020 में इस संगठन की बैठक की मेजबानी भारत ने की थी। 2021 के लिए इसकी अध्यक्षता ताजिकिस्तान के पास है।
मौजूदा समय में होने वाली एससीओ की बैठक इसलिए भी बेहद खास है क्योंकि हाल के कुछ दिनों में अफगानिस्तान को लेकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच काफी कड़वाहट देखने को मिली है। दोनों ही तरफ से एक दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोपों का दौर जारी है। खास बात ये भी है कि इस दौर की शुरुआत कहीं न कहीं भारत के अफगानिस्तान को लेकिन हो रही शांति वार्ता का एक अहम सदस्य बनने के बाद ही हुई है।