चंडीगढ़, कांग्रेस हाई कमान ने कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस्तीफा मांगा है। कांग्रेस आलाकमान ने 40 विधायकाें की पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग को स्वीकार कर लिया है। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट का बताया है कि पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक आज शाम पांच बजे होगी। बैठक में दो पर्यवेक्षक अजय माकन और हरीश राय चौधरी भी मौजूद रहेंगे। इस बैठक को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है और कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। सियासी गलियारों में इसको लेकर कयासबाजी लगाई जा रही है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की कुर्सी कायम रहेगी या कांग्रेस नया मुख्यमंत्री बनाएगी।
उधर पंजाब कांग्रेस के महासचिव परगट सिंह ने कहा कि पार्टी में कई अंदरुनी मसले हैं। पार्टी के कुछ मुद्दों पर चर्चा के लिए विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। पंजाब कांग्रेस में कोई समस्या नहीं है। मैं समझता हूं कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों के विचार सुने जाने चाहिए। इसमें क्या समस्या ?
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट कर जानकारी दी कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के निर्देश पर आज शाम पांच बजे पंजाब के कांग्रेस विधायक दल की चंडीगढ में बैठक होगी। सिद्धू ने इस संबंध में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष हरीश रावत के ट्वीट को भी रिट्वीट किया है।
हरीश रावत ने अपने ट्वीट में कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को पंजाब के काफी संख्या में कांग्रेस विधायकों का पत्र मिला। इसमें कांग्रेस विधायक दल की तुरंत बैठक बुलाने का अनुरोध किया गया था। इसके बाद कांग्रेस विधासक दल की 18 सितंबर को शाम पांच बजे बैहोगी हाेगी।
सोनिया से मुलाकात के बाद पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने देर रात किया ट्वीट
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ 40 विधायकों की ओर से पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र के बाद कांग्रेस के विधायक दल की मीटिंग शनिवार को शाम पांच बजे बुलाने के बारे ट्वीट हरीश रावत ने देर रात करीब पौने 12 बजे किया। सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद रावत ने देर रात यह जानकारी दी। पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन और हरीश राय चौधरी पर्यवेक्षक के रूप में इस बैठक में मौजूद रहेंगे।
बता दें कि कांग्रेस विधायकों की ओर से विधायक दल की मीटिंग की मांग के बाद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को राज्य के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत से मुलाकात की। इसमें शनिवार को विधायक दल की मीटिंग बुला कर कांग्रेस की खींचतान को जल्द खत्म करने को कहा है। दोनों पर्यवेक्षक सभी विधायकों से बात के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार करके सोनिया गांधी को सौंपेंगे।
हाल ही में आम आदमी पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले सुखपाल सिंह खैहरा, पिरमल सिंह और जगदेव कमालू इस बैठक में शामिल नहीं होंगे। इस बैठक में खड़गे कमेटी की ओर से तैयार किए गए 18 सूत्रीय कार्यक्रम के बारे में भी चर्चा की जाएगी, लेकिन पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि यह बैठक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के संबंध में होगी। हालांकि, ऐसा होने पर बड़ा सवाल फिर भी बना हुआ है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के बाद मुख्यमंत्री किसे बनाया जाएगा। पार्टी अभी इस किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंची है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह के विकल्प के रूप में पार्टी को कोई बड़ा चेहरा नजर नहीं आ रहा है जो सभी वर्गों को साथ लेकर चल सके। विधायक दल की बैठक बुलाने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर अविश्वास जताने वाले कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा अपने साथी तीन मंत्रियों और कुछ विधायकों को साथ लेकर बुधवार को कांग्रेस के अन्य विधायकों से सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र पर हस्ताक्षर करवाए थे।
इसके बाद कांग्रेस के प्रदेश महासचिव (संगठन) परगट सिंह और उसके बाद तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के आवास पर नेताओं में लंबी बातचीत का दौर चला। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने को लेकर बातचीत हुई थी। बैठक में शामिल विधायकों ने मुख्यमंत्री पर अविश्वास जताया है। पिछले महीने बाजवा के घर हुई थी बैठक गौरतलब है कि 25 अगस्त को भी इसी तरह की एक बैठक तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के आवास पर हुई थी। इसमें चार मंत्रियों सहित 20 विधायकों ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ अविश्वास जताया था।
यहां तक की चारों मंत्री और कुछ विधायक पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत से बात करने के लिए देहरादून और उसके बाद सोनिया गांधी से मिलने के लिए दिल्ली भी गए थे। रावत कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू से भी मिले थे और मुख्यमंत्री से भी उन्होंने बात की। अब कैप्टन अमरिंदर सिंह से नाखुश चल रहे खेमे ने परगट सिंह से उन विधायकों को मनाने के लिए कहा है जो 25 अगस्त की बैठक में तो शामिल थे लेकिन बाद में एकजुट नहीं रह पाए।
आगे क्या
कैप्टन विरोधी खेमे के विधायक अमरिंदर सिंह के खिलाफ विद्रोह करके नया नेता चुनने की मांग कर सकते हैं। निश्चित रूप से वह वोटिंग की मांग भी करेंगे-कैप्टन अमरिंदर सिंह भी अपने निकटवर्ती विधायकों को इकट्ठा करके विरोधी खेमे की इस चाल को नाकाम करेंगे।-अगर वह इस चाल में कामयाब हो जाते हैं, तो कैप्टन विरोधी खेमे के पास उनको ही नेता मानने के अलावा कोई चारा नहीं रहेगा।