एम्स ऋषिकेश से जल्द ही उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में हेली एंबुलेंस की सुविधा मिलेगी। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्री एम्स आएंगे। वहीं, राजधानी देहरादून में यातायात का दबाव कम करने के लिए आउटर रिंग रोड बनेगा, जिस पर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से एक दौर की वार्ता हो चुकी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ती मांग के बीच हमने गंगा की सहायक नदियों की 21 जल विद्युत परियोजनाएं बनाने की अनुमति मांगी है।
सीएम धामी ने कहा कि राज्य की भौगोलिक परिस्थितियां काफी कठिन हैं। आपदा व अन्य समय में सड़क मार्ग पूरी तरह से टूट जाते हैं। पुल बह जाते हैं। कई तरह की परेशानियां होती हैं। इन्हीं परेशानियों को देखते हुए सरकार ने हेली एंबुलेंस की तैनाती की है। अब एम्स ऋषिकेश से भी हेली एंबुलेंस की शुरुआत होने जा रही है।
उन्होंने कहा कि विकास की तमाम परियोजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। निवेशक सम्मेलन व सरकार के उद्योगों को लैंड बैंक उपलब्ध कराने के मद्देनजर ऊर्जा खपत भी बढ़ने वाली है। सीएम धामी ने कहा कि जिस तरह से निवेशकों का रुझान दिखा है, आने वाले समय में हमारे के लिए बड़ी चुनौती है। हम 40 प्रतिशत ही उत्पादन कर पा रहे हैं।
60 प्रतिशत उत्पादन और करना है। उन्होंने कहा कि जब गंगा नियंत्रण बोर्ड बना था, तब यहां की गंगा व सहायक नदियों पर बनी महत्वपूर्ण परियोजनाओं के अध्ययन को सुप्रीम कोर्ट ने विशेषज्ञ समिति बनाई थी। यह समिति अब अपना आकलन जमा करने वाली है। हमने केंद्र सरकार से उन 21 परियोजनाओं को बनाने की अनुमति मांगी है, जो कि गंगा नहीं बल्कि धौलीगंगा जैसी उसकी सहायक नदियों पर प्रस्तावित हैं। उन्होंने कहा कि सूर्यघर योजना से राज्य को ऊर्जा जरूरतें पूरी होने में काफी मदद मिलेगी।