कानपुर। मिशन क्लीन में अब भ्रष्ट पुलिसकर्मियों पर भी शिकंजा कसेगा। बुधवार को पुलिस आयुक्त अखिल कुमार के आदेश पर डीसीपी पश्चिम ने वसूली के आरोप में दो दारोगा निलंबित कर दिए। इनके खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं।
डीसीपी पश्चिम राजेश कुमार सिंह ने बताया कि 28 जुलाई की रात बिल्हौर के ककवन रोड पर रहमतपुर गांव स्थित खजुरी कला गांव निवासी विजय कटियार की गल्ला की आढ़त में सेंध लगाकर चोरों ने उड़द की दस बोरियां चोरी की थीं। मुखबिर की सूचना पर अलियापुर तिराहे पर आढ़त चलाने वाले राजू सैनी को पकड़ा गया, उसकी निशानदेही पर 29 जुलाई को चोरी गया माल बरामद कर लिया।
राजू सैनी ने बताया कि चोरी का माल होने की जानकारी नहीं थी, सस्ता होने के चक्कर में एक व्यक्ति से खरीदा था। आरोप है कि पुलिस ने उसके साथ उसके बेटे को भी हिरासत में ले लिया। उसके इस कृत्य में बेटा शामिल नहीं है, बावजूद इसके पुलिस ने उसकी नहीं सुनी। छोड़ने के नाम पर कस्बा के दारोगा अंकुर मलिक और दिलीप ने बेटे को रिहा करने के एवज में 38 हजार रुपये ऐंठ लिए।
डीसीपी के मुताबिक प्राथमिक जांच में राजू सैनी की शिकायत सही पाई गई। इस आधार पर उन्होंने दोनों आरोपित दारोगा अंकुर मलिक और दिलीप को निलंबित कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक उक्त मामले में प्रभारी निरीक्षक बिल्हौर केशव कुमार तिवारी भी सवालों के घेरे में हैं। उनके खिलाफ भी जांच होगी।
इस साल 46 निलंबित, 177 पर विभागीय कार्रवाई
विभाग के अंदर मिशन क्लीन शुरू करने के साथ ही अधिकारियों ने इस साल हुई कार्रवाई का ब्योरा भी जारी किया है। दावा है कि अन्य सरकारी विभागों की अपेक्षा भ्रष्टाचार के खिलाफ सर्वाधिक कार्रवाई पुलिस विभाग में हुई है।
अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था हरीश चंदर ने बताया
वहीं 13 निरीक्षक, 72 उपनिरीक्षक, 27 मुख्य आरक्षी, 48 आरक्षी, आठ लिपिक और नौ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के खिलाफ विभिन्न कारणों से विभागीय कार्रवाई की जा चुकी है। इसमें दक्षिण जोन में 41, पूर्वी जोन में 17, पश्चिम जोन में 15 और सेंट्रल जोन में 13 पुलिसकर्मी शामिल हैं। मुख्यालय स्तर पर 91 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। इन आंकड़ों से साफ है कि मुख्यालय स्तर पर अनुशासनहीनता या भ्रष्टाचार ज्यादा है।