जम्मू-कश्मीर राज्य का पुनर्गठन हुए और अनुच्छेद-370 को समाप्त हुए करीब डेढ़ वर्ष बीत चुका है, लेकिन कश्मीर की सियासत अभी इसी के इर्दगिर्द घूम रही है। अब केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के एक बयान पर नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल करने के लिए हमें देश के कानून मंत्री से कोई उम्मीद नहीं है। इस मामले में अदालत को अपनी कार्रवाई करने दें।
कानून मंत्री के बयान पर नेकां उपाध्यक्ष ने किए सवाल
दरअसल, रविशंकर ने कहा था कि अब जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 कभी बहाल नहीं हो सकता है। कानून मंत्री ने यह बात पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के अनुच्छेद-370 को आंदोलन से बहाल करवाने संबंधी बयान पर दी थी। कानून मंत्री से सवाल करते हुए उमर ने अपने ट्विटर पर लिखा कि क्या आप बताने की कोशिश कर रहे हो कि उच्चतम न्यायालय की आजादी खत्म हो गई है? क्या उच्चतम न्यायालय आपसे निर्देश लेता है? ऐसे में अब यह मानकर न चलें कि जज क्या फैसला करेंगे।
गौरतलब है कि इस समय कश्मीर केंद्रित दल अपने गुपकार एजेंडे को प्रभावी बनाने के लिए पीपुल्स एलायंस के मंच पर एकत्र हैं। महबूबा मुफ्ती ने अनुच्छेद-370 को लेकर बयानबाजी से प्रदेश की सियासत को हलचल बनाए रखी है। ऐसे में कानून मंत्री से सवाल कर उमर महबूबा का समर्थन कर रहे हैं।