लखनऊ, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने राजभर बिरादरी को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की।
ओपी राजभर का दावा- मुख्यमंत्री हो गए हैं सहमत
- सीएम से मुलाकात के बाद उन्होंने दावा किया है कि मुख्यमंत्री इस मांग से सहमत हो गए हैं और जल्द ही इस संबंध में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
- ओम प्रकाश ने मुलाकात के बाद कहा कि मुख्यमंत्री ने राजभर बिरादरी को अनुसूचित जनजाति में सूचीबद्ध कराने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजने के लिए समाज कल्याण विभाग को निर्देशित कर दिया है।
- उन्होंने बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 11 मार्च 2022 को राजभर बिरादरी को अनुसूचित जनजाति में सूचीबद्ध किए जाने किए का जो आदेश जारी किया है, उसे लागू करवाने के प्रति पूरी गंभीरता दिखाई है।
- राजभर ने बताया कि प्रदेश में राजभर बिरादरी को पिछड़े वर्ग में शामिल किया गया है, जबकि महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में राजभर बिरादरी को अनुसूचित जनजाति में रखा गया है।
- उत्तर प्रदेश में भी इस बिरादरी को बहुत जल्द अनुसूचित जनजाति का लाभ मिलने लगेगा।
- केंद्र सरकार द्वारा सूचीबद्ध किए जाने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद दबे, कुचले व पिछड़े राजभर बिरादरी के युवाओं को शिक्षा पाने के साथ ही सरकारी सेवाओं में नौकरी पाने के अधिक अवसर मिलने लगेंगे।
- राजभर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि दोनों नेता सही मायनों में पिछड़े समाज को मुख्यधारा में शामिल करने का काम कर रहे हैं।
मझवार आरक्षण को लेकर संजय निषाद भी मिले
निषाद पार्टी के अध्यक्ष व मत्स्य मंत्री डा. संजय निषाद ने मंगलवार शाम मझवार आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात की। इस दौरान निषादों पर दर्ज मुकदमें वापस लेने पर भी बात हुई। मंत्री ने बताया कि मझवार आरक्षण पर जल्द ही निर्णय हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव केंद्र को भेजने के लिए कहा है। इस दौरान चौरीचौरा के विधायक श्रवण कुमार निषाद व सदर के विधायक राज प्रसाद उपाध्याय उपस्थित थे।