देहरादून। प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में भारी बारिश का क्रम थमा हुआ है। हालांकि, देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में तीव्र बौछारों के दौर जारी हैं। हल्द्वानी में मंगलवार देर रात से बारिश जारी है। जिससे उमस से राहत मिली और मौसम सुहावना हो गया है। वहीं बदरीनाथ हाईवे पर कमेडा में पहाड़ी से गिरे मलबे की चपेट में आने से कार बाल-बाल बची।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, आज भी प्रदेश में ज्यादातर क्षेत्रों में आंशिक बादल छाये रह सकते हैं। बागेश्वर में आकाशीय बिजली चमकने के साथ भारी से बहुत भारी बारिश को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि, देहरादून, नैनीताल, पिथौरागढ़ और चंपावत में भी कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ तीव्र वर्षा के एक से दो दौर हो सकते हैं
कई इलाकों में जोरदार बारिश हुई
दून में मंगलवार को सुबह आंशिक बादलाें के बीच कई इलाकों में जोरदार बारिश हुई। हालांकि, कुछ ही देर बार आसमान साफ होने लगा और धूप खिल गई। दिनभर धूप और बादलों की आंख-मिचौनी चलती रही। शाम करीब पांच बजे शहर के ज्यादातर क्षेत्रों में घने बादल छा गए और तेज हवा के साथ बौछारों का दौर शुरू हुआ।
करीब एक घंटे तक झमाझम बारिश होती रही। जिससे पारे में गिरावट दर्ज की गई और मौसम सुहावना हो गया। मौसम विभाग के अनुसार दून में आज भी भारी बारिश के एक-दो दौर हो सकते हैं। आसपास के क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने के आसार हैं।
खतरे के निशान पर पहुंची टोंस, भूस्खलन से 13 मार्ग बाधित
विकासनगर। पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा के चलते टोंस नदी का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है, वहीं जौनसार-बावर व पछवादून में भूस्खलन से 21 मोटर मार्ग पर आवागमन ठप हो गया। मलबा आने से लोनिवि साहिया के तीन, पीएमजीएसवाई कालसी के दो, लोनिवि चकराता के एक राज्य मार्ग समेत पांच, लोनिवि निर्माण खंड देहरादून के तीन मोटर मार्ग बंद हैं।
जौनसार के ग्रामीणों ने विभागों से भूस्खलन का स्थाई हल निकालने की मांग की है, ताकि दिक्कतों का सामना न करना पड़े। वर्षा के कारण नदियों में सिल्ट की मात्रा भी बढ़ गई है। डाकपत्थर बैराज में यमुना का जलस्तर 454.15 मीटर स्तर पर पहुंचा। यहां पर यमुना का चेतावनी और खतरे का स्तर 455.37 मीटर है। जबकि इच्छाड़ी डैम में टोंस नदी का स्तर 644.75 मीटर पर पहुंच गया।
चेतावनी स्तर पार करने के कारण बांध का पानी धीरे-धीरे छोड़ा जा रहा है। जबकि टोंस का चेतावनी स्तर 643.60 मीटर व खतरे का स्तर 644.75 मीटर पर है। उधर, बंद मार्गों के कारण करीब 40 गांव, खेड़ों मजरों में रहने वाले ग्रामीणों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं।
मार्गों के बाद होने से किसानों की उपज मंडी नहीं पहुंच पाई। नौकरीपेशा को अपने दफ्तरों में जाने में दिक्कतें हुईं, बीमार को अस्पताल ले जाने को मशक्कत करनी पड़ी। लोनिवि चकराता का दारागाड कथियान राज्य मार्ग खदरा के पास मलबा आने से तीन स्थानों पर बंद है। जबकि लोनिवि चकराता ने चकराता लाखामंडल राज्य मार्ग, त्यूणी पुरोला नौगांव राज्य मार्ग, लोनिवि साहिया ने हरिपुर इच्छाड़ी क्वानू मीनस राज्य मार्ग पर यातायात सुचारू करा दिया है।
लोनिवि साहिया का 27 जुलाई से बंद डयूडीलानी ठलीन सकरोल मोटर मार्ग, ठलीन बडैथ पिनगिरी मोटर मार्गों पर भी यातायात कई दिन से ठप है। लेल्टा पाटा मंडोली मोटर मार्ग किमी छह पर मलबा आने से बंद हो गया है। लोनिवि निर्माण खंड देहरादून के लांघा मटोगी मदरसू मोटर मार्ग, लांघा तौली, बाड़वाला जुड्डो मोटर मार्ग पर भी मलबा आने से यातायात ठप पड़ा है।
पीएमजीएसवाई कालसी के जगथान, बोसान बैंड मोटर मार्ग भी बंद है। लोनिवि चकराता का नौ जुलाई से बंद रावना पुरोड़ी संपर्क मार्ग, 26 जून से बंद टुंगरा मोटर मार्ग पर भी यातायात सुचारू नहीं हो पाया है। तीन अगस्त से बंद लोखंडी पिपरा मीनस मार्ग, लागापोखरी से मुधार छिंदा छानी मार्ग भी नहीं खुल पाया है।
वहीं, लोनिवि साहिया की अधिशासी अभियंता रचना थपलियाल, पीएमजीएसवाई कालसी के रोहित श्रीवास्तव ने मलबा हटवाने के लिए जेसीबी मशीनें लगाई हैं।
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