नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को आपातकाल के 49 वर्ष होने पर लोकतंत्र के इस काले दिन को याद किया। उन्होंने कहा कि आज का दिन उन सभी महान पुरुषों और महिलाओं को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया। उन्होंने कहा कि आपातकाल का काला दिवस हमें याद दिलाता है कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने बुनियादी स्वतंत्रताओं को नष्ट किया और भारत के उस संविधान को रौंदा, जिसका हर भारतीय बेहद सम्मान करता है।
पीएम मोदी ने कहा कि सत्ता पर काबिज रहने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हर लोकतांत्रिक सिद्धांत की अवहेलना की और देश को जेलखाना बना दिया था। कांग्रेस से असहमत होने वाले हर व्यक्ति को प्रताड़ित किया गया। सबसे कमजोर वर्गों को निशाना बनाया गया और सामाजिक रूप से प्रतिगामी नीतियां लागू की गईं।
संविधान के प्रति प्रेम दिखाने का अधिकार नहीं
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने कहा कि आपातकाल लगाने वालों को हमारे संविधान के प्रति अपने प्रेम को दर्शाने का कोई अधिकार नहीं है। ये वही लोग हैं, जिन्होंने अनगिनत मौकों पर अनुच्छेद 356 थोपा, प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म करने वाला विधेयक पारित किया, संघवाद को नष्ट किया और संविधान के हर पहलू का उल्लंघन किया।
उन्होंने कहा कि जिस मानसिकता के कारण आपातकाल लगाया गया था, वह आज भी कांग्रेस में मौजूद है। वे संविधान के प्रति अपने तिरस्कार को अपने दिखावे के माध्यम से छिपाते हैं लेकिन भारत की जनता उनकी हरकतों को समझ चुकी है। यही वजह है कि जनता ने उन्हें बार-बार नकार दिया है।