पिथौरागढ़। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन-नेपाल सीमा से सटे पिथौरागढ़ में खड़े होकर कहा कि पहले की सरकारें सीमांत क्षेत्र का विकास करने में डरती थीं। उन्हें भय रहता था कि विकास करेंगे तो दुश्मन अंदर घुस आएगा लेकिन हम न डरते हैं न डराते हैं। हम दुनिया से आंख मिलाकर बात करते हैं।
यही वजह है कि हमने देश की सीमाओं से सटे हर क्षेत्र में 4200 किलोमीटर सड़कें, 200 पुल व 22 सुरंगें बना दी हैं। संचार सेवा दुरुस्त कर रहे हैं। इतना ही नहीं अब हमारी योजना सीमा तक रेल पहुंचाने की है। इसका फायदा उत्तराखंड को भी मिलेगा।
4200 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण
पीएम ने 4200 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण करते हुए कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से घिरे रहने वाले उत्तराखंड में राहत व बचाव आदि कार्यों पर चार हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
बीते गुरुवार को प्रधानमंत्री पिथौरागढ़ के एसएस वाल्दिया स्पोर्ट्स स्टेडियम (SS Waldiya Sports Stadium) में जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने चीन सीमा से 30 किमी पहले गुंजी में सेना, आइटीबीपी, एसएसबी और बीआरओ के अधिकारी व जवानों का हौसला बढ़ाया और उनके साथ फोटो भी खिंचवाई। भारत माता की जय के नारे के साथ जवानों में जोश भरा।
आदि कैलास के किए दर्शन
पीएम मोदी ने आदि कैलास व पर्वत के दर्शन किए तथा पार्वती कुंड पर ध्यान लगाया। अल्मोड़ा के जागेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की। 42 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री ने पूर्व की सरकारों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले की सरकारें सीमावर्ती गांव को अंतिम गांव मानती थीं। उनके विकास का नंबर भी सबसे अंत में आता था। हमारी सरकार ने उन्हें प्रथम गांव का दर्जा दिया और तेजी से विकास भी कराया। आज वहां सड़क है, बेहतर स्कूल हैं। स्वास्थ्य के साथ ही संचार सेवा भी बेहतर की है।
भारत की आवाज बुलंद – पीएम मोदी
हमारी कोशिश है कि जो लोग वहां से पलायन कर चुके हैं अब वे वापस लौटें। एक समय ऐसा था जब देश में निराशा का माहौल था। तब हम हर मंदिर में जाकर भारत को हजारों-करोड़ रुपये के घोटालों और तमाम मुश्किलों से बाहर निकालने को प्रार्थना करते थे लेकिन अब समय बदल गया है। चुनौतियों से घिरी दुनिया में आज भारत की आवाज बुलंद हुई है। जी-20 का शानदार आयोजन उदाहरण है।
पीएम ने लोगों से भारत की कामयाबी को लेकर किया सवाल
उन्होंने अपने चिर परिचित अंदाज में जनता से प्रश्न करते हुए कहा कि जब दुनिया में भारत का नाम ऊंचा होता है तब आपको अच्छा लगता है। भीड़ से आवाज आई…अच्छा लगता है। फिर पूछा ये काम किसने किया, आवाज आई मोदी ने। इस पर पीएम बोले, नहीं ये मोदी ने नहीं बल्कि आपने और आपके परिवारजनों ने किया है। क्योंकि 30 साल बाद जनता ने वोट की ताकत से स्थिर व मजबूत सरकार दी है।
दुनिया के बड़े-बड़े नेताओं को मुझसे हाथ मिलाते हुए आप देखते होंगे, लेकिन मैं बराबर में खड़े होकर आंख भी मिलाता हूं। मेरी आंखों में वह मुझे ही नहीं, बल्कि देश के 140 करोड़ लोगों को देखते हैं। पीएम यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, पहले गरीबी मिटाओ नारा दिया जाता था। हम कहते हैं मिलकर गरीबी हटाते रहेंगे। इसी वजह से पांच वर्ष में ही साढ़े 13 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है।
इसलिए रखा शिवशक्ति नाम
भारत का चंद्रयान चांद पर पहुंचा है। जिस स्थान पर उसकी लैंडिंग हुई है उसका नाम हमने शिवशक्ति रखा है। शिवशक्ति इसलिए रखा क्योंकि दोनों नाम से पूरे देश के साथ-साथ उत्तराखंड की भावनाएं जुड़ी हैं। खेलों में भी भारत का डंका बज रहा है। एशियाई खेलों में 100 से ज्यादा मेडल जीतकर पुराने सारे रिकार्ड तोड़ दिए। इसमें उत्तराखंड के आठ खिलाड़ियों ने योगदान दिया।