कांग्रेस ने हाथरस दुष्कर्म पीडि़ता के अंतिम संस्कार के दौरान हुए अमानवीय व्यवहार को प्रदेश और देश के लिए कलंक बताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की है। उत्तर प्रदेश की प्रभारी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने योगी के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि जब पीडि़ता जीवित थी तो उसे सरकार ने सुरक्षा नहीं दी और मौत के बाद अंतिम संस्कार का अधिकार तक छीन लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बाद एसआइटी बनाए जाने की घोषणा को लेकर भी प्रियंका ने मुख्यमंत्री को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने 15 दिनों तक राज्य सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया। पीडि़ता के परिवार की मर्जी के बिना जबरन आधी रात में आपाधापी में उसका अंतिम संस्कार करने के उत्तर प्रदेश पुलिस के कृत्य पर सवाल उठाते हुए प्रियंका ने ट्वीट किया।
प्रियंका ने कहा कि रात ढाई बजे परिजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन पीडि़ता के शव को उत्तर प्रदेश प्रशासन ने जबरन जला दिया। जब वह जीवित थी, तब सरकार ने उसे सुरक्षा नहीं दी। जब उस पर हमला हुआ सरकार ने समय पर इलाज नहीं दिया। पीडि़ता की मौत के बाद सरकार ने परिजनों से बेटी के अंतिम संस्कार का अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया। घोर अमानवीयता, आपने अपराध रोका नहीं, बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया। प्रदेश सरकार ने उसके परिवार के साथ ऐसा व्यवहार किया कि वे बेटी का शव आखिरी बार अपने घर नहीं ले जा पाए। पिता को अंतिम संस्कार करने तक से वंचित रखा गया। यही नहीं, सभी को एक कमरे में बंद किया गया। यह व्यवहार अमानवीयता का सबसे बड़ा उदाहरण है।
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बयान जारी कर कहा है कि यह गरीब परिवार की बेटी पर घोर अपराध है। हाथरस की निर्भया की मौत नहीं हुई है, वह सरकार और उसके प्रशासनिक अमले द्वारा मार दी गई। पार्टी की ओर से महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुमिता देव और प्रवक्ता उदित राज ने मीडिया से बात करते हुए योगी के इस्तीफे की मांग दोहराई और कहा कि ऐसा नहीं हुआ तो हाथरस की बेटी को न्याय नहीं मिलेगा।