चीन के साथ तनाव भरे माहौल के बीच भारत को राफेल विमानों की दूसरी खेप मिल गई है। बुधवार देर शाम तीन राफेल ल़़डाकू विमान फ्रांस से सीधे भारत आए। इन विमानों ने भी पिछली खेप की तरह कहीं बीच में लैंडिंग नहीं की। पहली खेप 29 जुलाई को आई थी। इन विमानों को 10 सितंबर को वायुसेना में शामिल किया गया था। दूसरी खेप में फ्रांस से तीनों राफेल विमान गुजरात के जामनगर एयरबेस पहुंचे हैं। इधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राफेल के भारत पहुंचने पर कहा कि इसके लिए भारतीय वायु सेना के सदस्य बधाई के पात्र हैं। उन्होंने एक पेशेवर और सुरक्षित तरीके से अत्यधिक जटिल मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया है।
भारत ने फ्रांस से 36 राफेल ल़़डाकू विमानों की खरीद के लिए लगभग 59000 करोड़ रुपये का सौदा किया है। वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने गत माह कहा था कि सौदे के तहत भारत आने वाले सभी राफेल 2023 तक वायुसेना में शामिल हो जाएंगे।
भारतीय वायुसना के प्रमुख आरके एस भदौरिया ने इन विमानों के सेना में शामिल होने के समय को उपयुक्त बताय़ा. उन्होंने कहा कि मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए राफेल को वायुसेना में शामिल करने का इससे उपयुक्त समय नहीं हो सकता था। उन्होंने कहा कि अंबाला में राफेल को बल में शामिल करना महत्वपूर्ण, क्योंकि वायु सेना के इस अड्डे से महत्व वाले सभी क्षेत्रों में आसानी से पहुंचा जा सकेगा।
एक कार्यक्रम करके राफेल विमान का औपचारिक अनावरण किया गया थी, इस कार्यक्रम मेंकेंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस के उनके समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली भी मौजूद थे। राफेल विमानों को बल के 17वें स्क्वॉड्रन में शामिल करने से पहले उन्हें पानी की बौछारों से पारंपरिक सलामी दी गई थी।
बता दें कि बिना रुके राफेल के भारत आने के लिए पहले से पुख्ता प्रबंध किए गए थे। इंधन की जरूरत पड़ने पर इन्हें हवा में ही इंधन भरने की सुविधा देने की तैयारी की गई थी। इससे पहले फ्रांस की कंपनी दासौ एविएशन से पांच राफेल विमानों का पहले बेड़े ने फ्रांस से उड़ान भरने के बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हाल्ट किया था। केंद्र की राजग सरकार ने 2016 में इन विमानों के लिए लगभग 60 हजार करोड़ रुपये के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे। हालांकि इसके बाद इसकी कीमत को लेकर काफी राजनीति हुई थी। राफेल की ताकत का अंदाजा इस बात से आप लगा सकते हैं कि इसके आने पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सहित चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ बिपिन रावत ने इसे गेंम चेंजर बताया था।