चारों धामों में दर्शन के लिए पंजीकरण और ई-पास अनिवार्य होगा; जानें और भी नियम

देहरादून। उत्तराखंड में शनिवार से प्रारंभ होने वाली चारधाम यात्रा के लिए शासन ने शुक्रवार देर शाम मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) जारी कर दी। चारों धामों में दर्शन के लिए पंजीकरण और ई-पास अनिवार्य होगा। साथ ही यात्रियों के लिए कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगने का सर्टिफिकेट अथवा कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट जरूरी है। कोरोना संक्रमण से अधिक प्रभावित तीन राज्यों के लिए वैक्सीन की दोनों डोज लगने के बावजूद यात्रा तिथि से अधिकतम 72 घंटे पहले की कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है। धामों में एक बार में तीन श्रद्धालुओं को ही दर्शन की अनुमति दी जाएगी। कुंडों में स्नान प्रतिबंधित किया गया है। यात्रा से संबंधित व्यवस्थाओं के अनुपालन के लिए यात्रा मार्गों पर स्थापित चेकपोस्ट में जांच की जाएगी। उधर, शनिवार से ही हेमकुंड साहिब की यात्रा भी शुरू हो जाएगी।

उच्च न्यायालय से सशर्त चारधाम यात्रा की अनुमति मिलने के बाद सरकार ने गुरुवार रात साफ कर दिया था कि यात्रा शनिवार से शुरू होगी। शुक्रवार देर शाम सचिव संस्कृति, धर्मस्व, तीर्थाटन प्रबंधन एवं धार्मिक मेला हरिचंद्र सेमवाल ने यात्रा के लिए एसओपी जारी की। इसके मुताबिक यात्रा के सुरक्षित संचालन के लिए कोविड प्रोटोकाल का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

यात्रा के लिए प्रवेश और पंजीकरण

सीसीटीवी कैमरों से निगरानी

धामों में मास्क पहनने व सुरक्षित शारीरिक दूरी के मानकों के अनुपालन के मद्देनजर सीसी टीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी। इसके लिए चारों धामों में नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।

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हेली एंबुलेंस की रहेगी उपलब्धता

यात्रा के दौरान गंगोत्री, केदारनाथ व बदरीनाथ में बचाव कार्यों के लिए हेली एंबुलेंस सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। प्रत्येक धाम या उसके निकटतम मार्ग पर कोविड एंबुलेंस या सामान्य एंबुलेंस उपलब्ध होगी। केदारनाथ व यमुनोत्री पैदल मार्गों पर दवाएं, पोर्टेबल आक्सीजन सिलिंडर व आक्सीजन कंसन्ट्रेटर की आपूर्ति रहेगी।

मूर्तियों, घंटियों को छूने व कुंडों में स्नान पर प्रतिबंध

चारों धामों में मूर्तियों, घंटियों, आभूषणों, ग्रंथों के स्पर्श की यात्रियों की अनुमति नहीं होगी। धामों में स्थित कुंडों व तप्त कुंडों में भी स्नान पूरी तरह वर्जित किया गया है।

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ये भी प्रविधान

-यात्रियों को अपने पास रखने होंगे पोर्टल पर अपलोड दस्तावेज।

-एक पंजीकरण पर अधिकतम छह श्रद्धालु कर पाएंगे दर्शन।

-मंदिर में एक बार में तीन यात्रियों को ही दर्शन की अनुमति, गर्भगृह में नहीं जा सकेंगे

यात्रियों के लिए प्रतिदिन निर्धारित संख्या

बदरीनाथ—1000

केदारनाथ— 800

गंगोत्री——600

यमुनोत्री—–400

हेमकुंड साहिब–1000

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