कनाडा की संस्था पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ने किसान आंदोलन को लेकर वैश्विक कैंपेन चलाने में अहम भूमिका निभाई हैl अब ऑप इंडिया ने द प्रिंट के हवाले से कहा है कि उन्हें एक सूत्र ने बताया कि कनाडा के बाहर के कई राजनीतिक नेता और कार्यकर्ता किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे हैंl
द प्रिंट के अनुसार स्काइरॉकेट नामक एक पीआर फर्म ने पॉपस्टार रिहाना को किसान आंदोलन के पक्ष में ट्वीट करने के लिए ढाई मिलियन डॉलर की रकम दी थीl भारतीय रुपए में यह 18 करोड़ रुपए होते हैंl सूत्रों ने द प्रिंट को यह भी बताया कि पर्यावरणवादी ग्रेटा थनबर्ग को दी गई टूलकिट उन्हें ‘स्पून फीडिंग’ करने के लिए दी गई थी और ऐसा देश में बड़े पैमाने पर अशांति फैलाने के लिए किया जा रहा थाl
मो धालीवाल पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के डायरेक्टर हैl अनीता लाल भी पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन की सह-संस्थापक हैl इसी ऑर्गेनाइजेशन ने ग्रेटा थनबर्ग को ‘साजिश का टूलकिट’ शेयर किया थाl किसान आंदोलन के बारे में ट्वीट करते हुए रिहाना ने पूछा था कि लोग इसके बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैंl इसके बाद ग्रेटा थनबर्ग और एडल्ट फिल्मों की अभिनेत्री मिया खलीफा भी इससे जुड़ गईl हालांकि, यह पूरा षड्यंत्र उस समय नाकाम हो गया, जब ग्रेटा थनबर्ग ने गलती से टूलकिट को सोशल मीडिया पर शेयर कर दियाl इसमें पूरी जानकारी दी गई है कि कैसे नवंबर 2020 से भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचने की शुरुआत की गई थीl जैसे ही यह टूलकिट सामने आया, भारत के कई प्रतिष्ठित लोग देश के खिलाफ चल रहे अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र को नाकाम करने के लिए एकजुट होकर खड़े हो गए। इनमें सचिन तेंदुलकर, लता मंगेशकर, कंगना रनोट जैसे कई नाम शामिल हैl
इस रिपोर्ट पर कंगना रनोट ने भी ट्वीट किया हैl उन्होंने लिखा है, ‘इतना कम! इतने की तो मैं अपने फ्रेंड्स को गिफ्ट्स दे देती हूं.. कितने सस्ते है ये सब यार हाहाहा.. फोर्ब्स की आय की सूची सबसे बड़ा फ्रॉड हैl उनके पास किसी भी कलाकार की वित्तीय लेन-देन की जानकारी नहीं होती अगर मैं झूठ बोल रही हूं तो फोर्ब्स मुझपर मानहानि का दावा कर सकता हैl’