देहरादून दिनांक 22 जून 2021 (जि.सू.का), सैन्यधाम निमार्ण संबंधी उच्च स्तरीय समिति द्वारा पुरूकुल स्थित सैन्यधाम की भूमि का मौका मुआयना कर सैन्यधाम निर्माण की प्रक्रिया की आधिकारिक शुरुआत की। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी द्वारा सैन्यधाम निर्माण हेतु आवंटित भूमि पर ही खुले आसमान के नीचे अधिकारियों की बैठक ली तथा सैन्यधाम के निर्माण के प्रथम चरण से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए।
मा0 मंत्री द्वारा जिलाधिकारी देहरादून तथा सैनिक कल्याण विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि सैन्यधाम हेतु आवंटित भूमि तथा उससे लगती हुई निजी भूमि को सुस्पष्ट तौर पर पृथक – पृथक चिन्हित कर अप्रोच रोड हेतु दी जाने वाली भूमि निर्धारित कर ली जाए। यदि इस संबंध में शासन स्तर से कोई दिशा-निर्देश अपेक्षित हों तो इस हेतु तत्काल पत्रावली चलाई जाए। यह कार्य आगामी 15 दिनों में पूर्ण कर लिया जाए। इसके अतिरिक्त सैन्यधाम निर्माण हेतु कार्यदायी संस्था पेयजल निर्माण शाखा के अधिकारियों को निर्देशित किया कि सैन्यधाम निर्माण कार्य को दो चरणों में किया जाए। प्रथम चरण में अप्रोच मार्ग, प्रवेशद्वार, सेना में पूजे जाने वाले बाबा जसवन्त सिंह तथा बाबा हरभजन सिंह के मंदिर तथा सैन्य साजो सामान स्थापित करने के प्लेटफार्म एवं चाहरदीवारी के कार्य को किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सैन्यधाम को भव्य एवं वीरता तथा पराक्रम का प्रतीक बनाने हेतु पेशेवर डिजायनर कम्पनियों के प्रस्तुतिकरण आमंत्रित किए जांए। इन कम्पनियों को सुस्पष्ट निर्देशित किया जाए कि वह देश तथा दुनिया में बने ऐतिहासिक वीरता स्मारकों का संदर्भ ग्रहण कर अपने प्रस्तुतिकरण बनाएं।
काबीना मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के लिए वीर सैनिकों तथा सैन्य पराक्रम के प्रति राज्य सम्मान सर्वोपरि है तथा सैन्यधाम राज्य के नागरिकों की भावनाओं से जुड़ा हुआ प्रकरण है। अतः इसे भव्य और अद्भुत बनाने में कोई कसर न रखी जाए। साथ ही तय समय सीमा के भीतर लक्ष्यों को प्राप्त करने की रणनीति बनाते हुए कार्य किया जाए।
इस अवसर पर सचिव सैनिक कल्याण एल0 फैनई, जिलाधिकारी डाॅ0 आशीष श्रीवास्तव, चीफ इंजीनियर पेयजल, सुभाष चैहान, एम0डी0 उपनल ब्रिगेडियर पी0पी0एस0 पाहवा, निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर के0बी0 चन्द, सेवानिवृत्त मेजर जनरल सम्मी सब्बरवाल, पार्षद सुन्दर कोठाल, लक्ष्मण सिंह रावत, मंजीत रावत, अपर सचिव सैनिक कल्याण प्रदीप रावत, नीटू पुण्डीर आदि उपस्थित रहे।।