सावन के दूसरे सोमवार पर आज जलाभिषेक के लिए शिवालयों में श्रद्धालु पहुंचे। मन्दिरों में रुद्राभिषेक के बाद सुबह पांच बजे से जलाभषेक शुरू हो गया। टपकेश्वर महादेव मंदिर में सेवादल के सदस्य औऱ पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं से शारीरिक दूरी का पालन करते दिखे। दिगम्बर भरत गिरि महाराज ने बताया कि गाइडलाइन के तहत श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जा रहा है। वहीँ पृथ्वी नाथ महादेव मंदिर के एक बार मे पांच श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया गया। कमलेश्वर महादेव मंदिर में भी इस बार जलाभषेक किया गया।
टपकेश्वर महादेव मंदिर, गढ़ी
मंदिर के सेवादल की रविवार को बैठक हुई। समिति के महासचिव महेश खंडेलवाल ने बताया कि सोमवार को सेवादल ने मंदिर परिसर में शारीरिक दूरी के लिए गोले बनाए, टेंप्रेचर मशीन की व्यवस्था की गई है। मंदिर के 108 महंत कृष्णगिरी महाराज ने बताया कि कुछ लोग मंदिर बंद करने का भ्रामक संदेश फैला रहे है, जो गलत है। श्रद्धालुओं से फल न चढ़ाने की अपील की गई है।
कमलेश्वर मंदिर, जीएमएस रोड
पिछले सोमवार को यहां जल चढ़ाने की अनुमति नहीं थी, लेकिन इस बार श्रद्धालु शारीरिक दूरी बनाकर जल चढ़ा सकेंगे। मंदिर के पंडित सुनील उपाध्याय ने बताया कि धूप, दीप जलाना मंदिर परिसर में जलाएंगे। श्रद्धालुओं से अपील है कि प्रतिमा को न छुएं।
प्राचीन शिव मंदिर धर्मपुर
मंदिर के पंडित अरुण सती ने बताया कि एक बार में एक ही श्रद्धालु जलाभिषेक करेगा। मुख्य द्वार पर सैनिटाइज व मास्क की व्यवस्था है। श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि प्रतिमा को न छुएं, बाहर से ही माथा टेककर आशीर्वाद लें।
पहाड़ी क्षेत्रों में अगले सोमवार से व्रत
पहाड़ी क्षेत्रों में लोग सावन महीने में संक्रांति से अगली संक्रांति तक यह पर्व मनाते हैं। पंडित अरुण सती ने बताया कि इस बार संक्रांति 16 जुलाई को है। यानि की इसके बाद 20 जुलाई को पड़ रहे सोमवार से पहला सोमवार शुरू हो जाएगा। 27 को दूसरा, तीन अगस्त को तीसरा, जबकि 10 अगस्त को चौथा और अंतिम सोमवार होगा।
जंगम शिवालय
शहर के बीच स्थित होने के कारण यहां पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतार लग जाती है। मंदिर के महंत 108 कृष्णगिरी महाराज ने बताया कि श्रद्धालुओं के बीच शारीरिक दूरी बनाने के लिए सेवादल के सदस्य अपील कर रहे हैं। मंदिर द्वार पर घंटियों को कपड़े से बांधा गया है।
सिद्धेश्वर महादेव मंदिर कॉन्वेंट रोड
यहां प्रतिमा और परिसर में सफाई की गई। पंडित धर्मानंद मैठाणी ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए सैनिटाइजर लगाया गया है। एक बार में तीन श्रद्धालु ही जल चढ़ा सकेंगे।
पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर सहारनपुर चौक
मंदिर के दिगंबर दिनेश पुरी ने बताया कि व्यवस्था बनाने के लिए सेवादारों की संख्या बढ़ाकर 10 से 14 कर दी गई है। एक बार मे सिर्फ पांच श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा, उनके दर्शन के बाद अन्य पांच प्रवेश करेंगे। फल, पुष्प व प्रसाद मंदिर में लाने की अनुमति नही है। जो श्रद्धालु ये सब लाएंगे उन्हें ये द्वार पर ही जमा करना होगा। जल चढ़ाने के लिए पात्र घर से लाना होगा।