21 सितंबर से 9वीं क्लास से 12वीं तक खुलेंगे स्कूल, स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन्स

5 महीने से अधिक समय से बंद स्‍कूल अब चरण तरीके से खुलने जा रहे हैं। इसके लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। इसके बारे में स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा। स्कूल आने वाले सभी लोगों को स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी रखनी होगी। जहां-तहां थूकने पर पाबंदी होगी। दिशानिर्देशों में साफ कहा गया है कि स्कूल में राज्य हेल्पलाइन नंबर के साथ ही स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के फोन नंबर भी प्रदर्शित किए जाएंगे।

प्रयोगशाला से लेकर कक्षाओं तक के छात्रों के बैठने की ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि उनके बीच कम से कम 6 फीट की दूरी को बरकरार रखा जाए। छात्रों के इकट्ठा होने यानी असेंबली और खेलकूद से जुड़ी गतिविधियों की मनाही होगी क्योंकि इससे संक्रमण के फैलने का जोखिम होगा।

कंटेनमेंट जोन्स में रहने वाले शिक्षक या कर्मचारियों को स्कूल जाने की इजाजत नहीं है। वैसे स्कूल जिनका इस्तेमाल क्वारंटीन सेंटर के रूप में हुआ था, उन्हें आंशिक तौर पर खोले जाने से पहले अच्छी तरह से सैनिटाइज करने का निर्देश दिया गया है। सभी स्कूलों को हाइपोक्लोराइट सोलूशन से सैनिटाइज करने के निर्देश दिए गए।

ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प भी रहेगा मौजूद

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से एसओपी में कहा गया है कि ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग की अनुमति जारी रहेगी। स्कूल अधिकतम अपने 50 प्रतिशत शिक्षक और गैर शिक्षक स्टाफ को ऑनलाइन टीचिंग/ टेलीकाउंसलिंग और इससे जुड़े दूसरे कामों के लिए बुला सकते हैं। नौवीं से 12वीं तक के छात्र अगर अपने शिक्षकों से मार्गदर्शन लेने के लिए स्कूल जाना चाहेंगे तो उन्हें इसकी इजाजत होगी। हालांकि इसके लिए उन्हें अपने माता-पिता या अभिभावकों से लिखित सहमति लेनी होगी। छात्रों के पास ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प भी मौजूद रहेगा।

जारी किए गए निर्देश 

स्‍कूलों में एहतियाती उपायों में शिक्षक, कर्मचारी और छात्र शामिल होंगे, इसके अंतर्गत कम से कम छह फीट की शारीरिक दूरी सुनिश्चित करना, चेहरे को ढंकना, बार-बार हाथ धोना, श्‍वसन संबंधी शिष्टाचार का पालन करना, स्वास्थ्य की निगरानी करना और जगह- जगह नहीं थूकना शामिल है। विशेष रूप से इस बारे में लोगों से पूछा गया है। ऑनलाइन या डिस्टेंस लर्निंग को अनुमति और प्रोत्साहन देना जारी रखना चाहिए और कक्षा 9 से 12 के छात्रों को अपने शिक्षकों से मार्गदर्शन लेने के लिए स्वैच्छिक आधार पर स्कूल का दौरा करने की अनुमति देनी चाहिए।

छात्रों पर नहीं बनाया जाएगा दबाव

छात्र-छात्रों को स्वेच्छा से स्कूल आने की आजादी होगी। किसी भी छात्र पर स्कूल आने के लिए दबाव नहीं बनाया जाएगा। बच्चे अपने माता-पिता की लिखित अनुमति लेकर ही स्कूल आएंगे। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि दूरस्थ शिक्षा और ऑनलाइन शिक्षण को जारी रखना होगा। इसके लिए 50 फीसद शिक्षकों को स्कूल बुलाया जा सकता है। स्कूल में स्वीमिंग पूल को बंद ही रखा जाएगा। एयरकंडीशनर के तापमान को 24-30 डिग्री सेल्सियस के बीच ही रखना होगा। आद्रता 40-70 फीसद के बीच रखनी होगी। क्रॉस वेंटिलेशन और स्वच्छ हवा के लिए व्यवस्था करनी होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *