प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल चारधाम रेल प्रोजेक्ट कई मायनों में खास है। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किमी लंबी रेल लाइन 17 सुरंगों से होकर गुजरेगी। कुल मिलाकर 104 किमी की दूरी ट्रेन को सुरंग में ही तय करनी पड़ेगी। इसी क्रम में देवप्रयाग से पौड़ी जिले में पड़ने वाले जनासू स्टेशन तक 14.5 किमी लंबी डबल ट्यूब सुरंग (दो अलग-अलग सुरंग) बनाई जानी हैं। यह देश की सबसे लंबी सुरंग होगी। अब तक सबसे लंबी सुरंग जम्मू-कश्मीर में पीर पंजाल में है। इसकी लंबाई 11.2 किमी है।
देश की सबसे महत्वाकांक्षी रेल परियोजना चारधाम रेल प्रोजेक्ट न केवल उत्तराखंड के पर्यटन को नए आयाम देगा, बल्कि चीन सीमा से सटे राज्य में यह परियोजना सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। रेल विकास निगम के परियोजना प्रबंधक ओमप्रकाश मालगुड़ी ने बताया कि रेलवे के लिए यह प्रोजेक्ट सबसे चुनौतीपूर्ण परियोजनाओं में से एक है। बताया कि परियोजना के तहत बनने वाली 11 सुंरगों की लंबाई छह किमी या इससे अधिक है, जबकि अन्य छह की लंबाई इससे कम हैं। बताया कि देवप्रयाग से जनासू के बीच बनने वाली सबसे लंबी सुरंग के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जल्द ही निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। मालगुड़ी के अनुसार छह किमी से अधिक लंबाई वाली सुरंगों के समानांतर निकासी सुरंग का निर्माण भी किया जाएगा। इसका इस्तेमाल आपात स्थिति में किया जा सकेगा। इस सुरंग से रेल लाइन नहीं, बल्कि सड़क गुजरेगी।
देश की सबसे लंबी पांच रेल सुरंग
- पीर पंजाल (जम्मू-कश्मीर)-11.2 किमी
- कार्बूड (महाराष्ट्र)- 6.506 किमी
- नाथूवाड़ी (महाराष्ट्र)- 4.389 किमी
- टाइक (महाराष्ट्र)- 4.07 किमी
- बेरडेवाड़ी (महाराष्ट्र)- चार किमी
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर बन रही सुरंगें
- ढालवाला से शिवपुरी- 10.8 किमी
- शिवपुरी से गुलर- 6.4 किमी
- गूलर से व्यासी- 6.7 किमी
- व्यासी से कौडियाला- 2.2 किमी
- कौडियाला से बागेश्वर- 9.7 किमी
- राजचौरा (गंगा पार) से पौड़ी नाला- 220 मीटर
- पौड़ी नाला से देवप्रयाग, 1.2 किमी
- देवप्रयाग से जनासू- 14.5 किमी
- लछमोली से मलेथा- 2.8 किमी
- मलेथा से श्रीनगर- 4.1 किमी
- श्रीनगर से धारी- 9.0 किमी
- धारी से नरकोटा- 7.0 किमी
- नरकोटा से तिलानी- 9.4 किमी
- तिलानी से घोलतीर- 6.4 किमी
- घोलतीर से गोचर- 7.1 किमी
- रानो से सिवाई- 6.4 किमी
- सिवाई से कर्णप्रयाग – 200 मीटर