उत्तराखंड में लगातार दूसरी बार सत्तासीन हुई भाजपा सरकार अब नौकरशाही के पत्ते फेंटने की तैयारी में जुट गई है। एक्टिव मोड में आ चुके धामी सरकार के मंत्रियों ने अपनी सुविधानुसार अधिकारी मांगे हैं। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुमाऊं दौरे से लौटने के बाद नौकरशाही में व्यापक फेरबदल होगा। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने संकेत देते हुए कहा कि इस सिलसिले में होमवर्क चल रहा है।
धामी सरकार के मंत्रियों को विभागों का बंटवारा होने के बाद से अफसरशाही में हलचल भी तेज हो गई है। सभी आठ मंत्रियों ने लगातार विभागीय समीक्षा और बैठकों का दौर शुरू कर दिया है। जिस प्रकार के संकेत मिल रहे हैं, उससे साफ है कि सरकार सौ दिन के रोडमैप पर आगे बढ़ेगी। मंत्रियों ने भी इसी हिसाब से तैयारियां की हैं। मंत्री अब अपनी सुविधानुसार अधिकारियों की तैनाती चाहते हैं। ऐसे में नौकरशाही में परिवर्तन तय माना जा रहा है।
वैसे भी नई सरकार का गठन होने के बाद वह अपने हिसाब से अधिकारियों की तैनाती करती है। इसके पीछे मंतव्य मनपसंद अधिकारियों के माध्यम से योजनाओं को धरातल पर उतारना व गति देना भी होता है। इस दृष्टिकोण से देखें तो इस बार भी स्थिति कुछ अलग नहीं है। अधिकारियों की कार्यशैली अक्सर सुर्खियां बनती है। पिछली सरकार को देखें तो त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत व पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्रित्वकाल में अधिकारियों के व्यापक पैमाने पर तबादले किए गए। धामी सरकार के पहले कार्यकाल में अंतिम समय तक अधिकारियों के पदभार बदले गए थे।
अब भाजपा लगातार दूसरी बार सत्तासीन हुई है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ही हैं, लेकिन उनके मंत्रिमंडल में फेरबदल हुआ है। इस बार मंत्रिमंडल में तीन नए चेहरे हैं, जबकि पुराने पांच चेहरों को नए विभाग भी दिए गए हैं। ऐसे में मंत्रियों के सामने स्वयं को साबित करने की चुनौती भी है। चर्चा है कि इस सबको देखते हुए मंत्रियों ने मनपसंद अधिकारियों के संबंध में मांग भी मुख्यमंत्री के समक्ष रख दी है।
उधर, शुक्रवार को मुख्यमंत्री धामी ने संकेत दिए कि जल्द ही बड़े स्तर पर अधिकारियों के तबादले होंगे। उन्होंने कहा कि शपथ ग्रहण और मंत्रियों को विभागों का बंटवारा होने के बाद अब इस सिलसिले में होमवर्क चल रहा है।