उत्तराखंड के तीन दिवसीय प्रवास पर आए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को हरिद्वार में आयोजित कार्यक्रम में परिसंपत्तियों के बंटवारे में उत्तराखंड के हिस्से में आए होटल अलकनंदा को राज्य को सौंपेंगे।
साथ ही वह उत्तर प्रदेश के नवनिर्मित भागीरथी पर्यटक आवास गृह का लोकार्पण भी करेंगे। इस दौरान योगी आदित्यनाथ और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मध्य बैठक हो सकती है, जिसमें परिसंपत्तियों से जुड़े विभिन्न विषयों पर सहमति बन सकती है।
साथ ही यह उम्मीद भी जगी है कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच पिछले वर्ष नवंबर में हुई बैठक में तमाम बिंदुओं पर बनी सहमति के संबंध में जल्द ही उप्र की ओर से शासनादेश जारी कर दिए जाएं।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मध्य परिसंपत्तियों के बंटवारे के मामले में तब तेजी आई, जब वर्ष 2017 में दोनों राज्यों में भाजपा की सरकार बनी। इस सिलसिले में दोनों राज्यों के मुख्य सचिव स्तर की बैठकों के बाद गत वर्ष 18 नवंबर को उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मध्य बैठक हुई।
इसमें परिसंपत्तियों से जुड़े कई विषयों पर सहमति बनी। इसके बाद परिवहन निगम, वन विकास निगम समेत कुछ अन्य विभागों से जुड़े मामलों में राज्य को हक मिल गया। बावजूद इसके कई विषयों पर अभी उप्र की ओर से शासनादेश नहीं हो पाए हैं।
पिछली बैठक में हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर जिले में सिंचाई विभाग की 1002 हेक्टेयर भूमि और 531 आवासीय-अनावासीय भवन उत्तराखंड को हस्तांतरित किए जाने पर सहमति बनी थी।
इनका अभी हस्तांतरण नहीं हो पाया है। साथ ही चम्पावत जिले के बनवसा में नवीन बैराज का निर्माण, ऊधमसिंह नगर में धौरा, बैगुल व नानकसागर जलाशय में पर्यटन व जलक्रीड़ा और हरिद्वार में पुरानी ऊपरी गंग नहर में वाटर स्पोट्र्स की अनुमति के संबंध में भी आदेश नहीं हो पाए हैं।
इसके अलावा ऊर्जा, आवास, वित्त, कृषि, मत्स्य, औद्योगिक विकास विभाग से जुड़े कई विषयों पर सहमति बनी थी। इनमें भी कुछ में शासनादेश होने हैं तो कुछ में बात आगे बढऩी है।
माना जा रहा है कि दोनों राज्यों के मध्य संभावित बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी परिसंपत्तियों के बंटवारे से जुड़े विषयों पर तेजी से कार्रवाई का आग्रह कर सकते हैं। तीन मई को यमकेश्वर ब्लाक के बिथ्याणी में उप्र के मुख्यमंत्री की उपस्थिति में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने इसके संकेत दिए थे।
उन्होंने कहा था कि परिसंपत्तियों के जो मामले 21 वर्ष में नहीं निबटे, उन पर 20 मिनट की बैठक में सहमति बन गई। उन्होंने पिछले वर्ष नवंबर में हुई बैठक का उद्धरण देते हुए यह बात कही थी।