लखनऊ उत्तर प्रदेश सरकार निजी सुरक्षा एजेंसियों के मानक के अनुरूप संचालन को लेकर सख्त है। कोरोना काल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निजी सुरक्षा एजेंसियों की गहन छानबीन कराने के साथ ही उनके संचालन के लिए तय मानकों का हर सूरत में अनुपालन सुनिश्चित कराने के कड़े निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने निजी सुरक्षा एजेंसियों के सभी गार्डों व सुपरवाइजरों का प्रशिक्षण तथा सत्यापन भी कराने को कहा है।
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि वर्ष 2017 से अब तक प्राइवेट सुरक्षा अभिकरण को कुल 1581 नए व नवीनीकृत लाइसेंस दिए गए हैं। इन लाइसेंसों को निर्गत कर 4.25 करोड़ रुपये से अधिक रकम राजकोष में जमा कराई गई है। प्रदेश में गृह विभाग ने एडीजी कानून-व्यवस्था को निजी सुरक्षा अभिकरण (विनियमन अधिनियम-2005) के तहत नियंत्रक प्राधिकारी नियुक्त किया है।
सभी जिलों में कैश वैन का संचालन करने वाली निजी सुरक्षा एजेंसियों को नियमावली का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं। साथ ही एडीजी कानून-व्यवस्था को इसकी मानीटरिंग का निर्देश दिया गया है। सूबे में निजी सुरक्षा एजेंसियों की जांच व सत्यापन की कार्यवाही संबंधित जिले से आनलाइन कराई जा रही है, जिसके बाद एडीजी कानून-व्यवस्था के स्तर से आनलाइन लाइसेंस निर्गत किये जाते हैं।
प्रदेश में उप्र प्राईवेट सुरक्षा अभिकरण नियमावली-2009 की अधिसूचना 31 जुलाई 2009 को जारी की गई थी। इसके जरिये सुरक्षा एजेंसियों के चयन, उनके सत्यापन, निजी सुरक्षा गार्ड और पर्यवेक्षक के चरित्र सत्यापन तथा सुरक्षा गार्डों के प्रशिक्षण समेत अन्य शर्तें व निर्देश तय हैं। रोकड़ वैन के उपयोग, प्रति रोकड़ वैन के लिए अपेक्षित प्रशिक्षित कर्मचारियों की संख्या व अन्य नियम भी निर्धारित हैं।