देहरादून। फंगस (माइकर म्यूकोसिस) की बीमारी से चुनौती बढ़ती जा रही है। प्रदेश में गुरुवार को 21 और व्यक्तियों में फंगस की पुष्टि हुई और छह मरीजों की मौत हुई है। इस तरह यहां पर अब तक फंगस के 356 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 56 मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं 31 मरीज ठीक हो चुके हैं।
देहरादून जनपद में फंगस के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। एम्स ऋषिकेश में ही अब तक इस बीमारी से पीड़ित 220 मरीज भर्ती हो चुके हैं। वहीं हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में 34, श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में 27, दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में 19 और मैक्स अस्पताल में 10 मरीज भर्ती हो चुके हैं। नैनीताल में भी फंगस के 32, हरिद्वार व उत्तरकाशी में दो-दो और ऊधमसिंह नगर में एक मामला सामने आ चुका है।
एस्परजिलोसिस के दो और मामले सामने आए
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में अब तक एस्परजिलोसिस के 11 मामले सामने आए थे। वहीं हिमालयन हास्पिटल में भी एस्परजिलोसिस संक्रमित दो मरीज भर्ती किए गए हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में फंगस संक्रमित 208 मामले सामने आये थे। इनमें 11 मरीज एस्परजिलोसिस संक्रमण से ग्रसित है। इनमें भी छह मरीज ऐसे हैं जिनमें एस्परजिलोसिस और म्यूकर माइकोसिस दोनों संक्रमण पाए गए हैं। अब हिमालयन हास्पिटल जौली ग्रांट में भी दो मरीजों में एस्परजिलोसिस संक्रमण की पुष्टि हुई है।
हिमालयन हास्पिटल जॉलीग्रांट में फंगस के कुल 34 केस आ चुके हैं। इसमें से अभी तक उपचार के बाद डिस्चार्ज होने वाले रोगियों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है, जबकि सात की उपचार के दौरान मृत्यु हुई। नोडल अधिकारी डॉ. संजॉय दास के मुताबिक अब तक आए कुल 34 मरीजों में से 18 मरीज 12 उत्तराखंड, पांच उत्तरप्रदेश, एक पंजाब के हैं। 18 में दो एस्परजिलोसिस से भी संक्रमित हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में इनका उपचार चल रहा है।