विधानसभा का शीतकालीन सत्र गुरुवार से शुरू होगा। इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पहले दिन हेलीकाप्टर दुर्घटना में चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के निधन पर सदन में उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस मौके पर सत्र की अवधि एक दिन बढ़ाने का निश्चय किया गया। यानी अब सत्र 11 दिसंबर तक चलेगा। उधर, सत्र के लिए भाजपा व कांग्रेस, दोनों ही अपने-अपने तरकश में तीर तैयार कर लिए हैं। ऐसे में शुक्रवार व शनिवार को हंगामे के आसार भी हैं।
कार्यमंत्रणा समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि सत्र के पहले दिन सदन की गैलरी में सभी सदस्य जनरल बिपिन रावत के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। अग्रवाल के मुताबिक उनके द्वारा इस संबंध में सुझाव रखा गया, जिसे समिति ने स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा कि जनरल रावत का निधन न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि देश की अपूरणीय क्षति है। इससे प्रत्येक राज्यवासी दुखी है। सत्र के पहले दिन जनरल रावत को सदन में याद किया जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष के अनुसार सदन की आगे की कार्रवाई के लिए कार्यमंत्रणा समिति की 10 दिसंबर सुबह बैठक होगी। उन्होंने कहा कि सदन 11 दिसंबर को भी संचालित होगा। सत्र में आजादी के अमृत महोत्सव पर भी चर्चा होगी। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल की अध्यक्षता में दलीय नेताओं की बैठक हुई। इस मौके पर विपक्ष की ओर से कहा गया कि सदन में यदि जनहित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होती है तो विपक्ष पूर्ण सहयोग देगा। सत्ता पक्ष की ओर से जनहित के मुद्दों पर पूर्ण रूप से चर्चा कराने का आश्वासन दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान विधानसभा का यह अंतिम सत्र है। यह भी पूर्व की भांति सुचारू रूप से चले, इसकी सभी से अपेक्षा है। बैठक में विधानसभा के उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान, संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल उपस्थित थे।