मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी कर्मभूमि गोरखपुर दौरे के दूसरे दिन सोमवार को दैनिक दिनचर्या के बाद जनता की फरियाद सुनी। मथुरा से रविवार को भाजपा जन विश्वास यात्रा को रवाना करने के बाद रविवार को दोपहर बाद गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री ने अपने पूर्व संसदीय क्षेत्र गोरखपुर को 955 करोड़ की सौगात देने के साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रम में छात्रों को जनहित के कार्य में भाग लेने के लिए प्रेरित भी किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को प्रात: काल पूजा-पाठ और गौ सेवा के साथ गोरखनाथ मंदिर प्रांगण में लगे जनता दरबार में लोगों से वार्ता की। उनकी फरियाद सुनने के साथ ही समस्या के समाधान का भी भरोसा दिलाया। उन्होंने 125-130 लोगों से उनके कार्य के विषय में वार्ता की। इसके बाद उन सभी के प्रार्थना पत्र को अधिकारियों को सौंपकर क्रियान्वयन का निर्देश दिया।
इससे पहले रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर को विकास की कई सौगात देने के साथ कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारें सस्ती लोकप्रियता के लिए समाज को बांटने का काम करती थीं। जाति, धर्म, क्षेत्र, भाषा और वर्ग वाली उनकी विभाजनकारी नीति ने हमें पीछे ढकेल कर विकास से वंचित कर दिया। महंत दिग्विजयनाथ पार्क में 955 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास करने के बाद उन्होंने कहा कि विकास का कोई विकल्प नहीं होता। एक अन्य कार्यक्रम में भी सीएम योगी आदित्यनाथ ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्र-छात्राओं से हर रोज जनता के बीच जाने और सरकार की योजनाओं की खूबियां बताने का आह्वान किया।
गोरखपुर में मुख्यमंत्री ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण अभियंत्रण और बेसिक शिक्षा परिषद की 955 करोड़ रुपये की लागत वाली 334 परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। इसके पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 61वें प्रांतीय अधिवेशन के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं से भी सरकार की योजनाओं पर जनता से चर्चा करके उनकी खूबियां बताने का आह्वान किया। योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री स्टार्टअप योजना, एक जिला एक उत्पाद व कन्या सुमंगला योजना का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कहा कि इन योजनाओं के बारे में जनता को बताकर वह उन्हें अपना बना सकते हैं। जनता तभी उन्हें अपना समझेगी।